पर्यावरण अध्ययन भाग - 2 | Prayavarnian Addyan Bhag-ii
श्रेणी : शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
41 MB
कुल पष्ठ :
579
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सजोव वस्तुएं
लो । इनमें किसी बाग से लाई उपजाऊ ,
मिट्टी भरो 1 एक गमले में लगभग
तीन-तीन सें. मी. की दूरी पर तीन |
बीज बोओ । दूसरे में बीजों को पास-
पास बोओ । नियमित रूप से गमले में ।
पानी दो । बढ़ती हुई पौध को देखो ।
क्या दोनों गमलों में पौध की वृद्ध |
|
अच्छी है । कुछ दिनों बाद फिर देखो ।
क्यो एक गमलेमे पौधों कौ वृदि
कमजोर दिखाई पड़ती है ? जब पौध
पास-पास उगती है, तब उन्हें यथेष्ट |
मात्रा में पानी और खनिज मिट्टी से|
नहीं मिलते, पर्याप्त मात्रा में सूय॑ का |
प्रकाश भी नहीं मिलता है । बता सकते !
हो थे पौधे कमजोर बढ़ोतरी क्यों |
दिखाते हैँ ?
पेड़-पौधों से उनके बीज किस :
प्रकार दूर-दूर फैल जाते हूँ ?
तुमने आक के बीजों को हवा मैं
उड़ते हुए देखा होगा । किसी एक |
बीज को पकड़ने की कोशिश करो । |
उसको ध्यानपूर्वक देखो । क्या तुम्हें !
उनमें बालों जैसी वदिध दिखाई पड़ती [
है । ये पैराशूट जैसा दिखाई देता है ।
अपने बालों कौ सहायता सं आक के,
बीज हुवा में उड़ते रहते हैं। और '
बहुत-से पौधों के बीजों पर भी इस |
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प्रकारके बाल होते हैं । ऐसे बीज अपने .
मातृ पौधों से हवा दूवारा दूर जगहों पर
वितरित कर दिए जाते हैं । पेड़-पौधों
से उनके बीजों के वितरित्त होने के
और कौन-कौन-से तरीके हैं । चित्र में
कुछ पौधों के बीज दिखाए गए हैं ।
क्या तुम इस बात का पता लगा सकते
हो कि पेड-पौधो से यह् बीज किसु
प्रकार दूर चले जाते हैं ।
अपने आसपास से विभिन्त प्रकार
के पौधों के फल और बीज इकट्ठे
करो । तुम पाओगे कि कुछ फल जैसे
कोकिल वर्ण और पोपी के फुलों में
कटि ओर हुक होते हैं। यह फल
पशुओं के बालों में उलझ जाते हैं ।
इस प्रकार यह एक स्थान से दूसरे
स्थान पर चले जाते हैं ।
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