पर्यावरण अध्ययन भाग - 2 | Prayavarnian Addyan Bhag-ii

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Prayavarnian Addyan Bhag-ii by शिव कुमार मिश्र - Shiv Kumar Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सजोव वस्तुएं लो । इनमें किसी बाग से लाई उपजाऊ , मिट्टी भरो 1 एक गमले में लगभग तीन-तीन सें. मी. की दूरी पर तीन | बीज बोओ । दूसरे में बीजों को पास- पास बोओ । नियमित रूप से गमले में । पानी दो । बढ़ती हुई पौध को देखो । क्या दोनों गमलों में पौध की वृद्ध | | अच्छी है । कुछ दिनों बाद फिर देखो । क्यो एक गमलेमे पौधों कौ वृदि कमजोर दिखाई पड़ती है ? जब पौध पास-पास उगती है, तब उन्हें यथेष्ट | मात्रा में पानी और खनिज मिट्टी से| नहीं मिलते, पर्याप्त मात्रा में सूय॑ का | प्रकाश भी नहीं मिलता है । बता सकते ! हो थे पौधे कमजोर बढ़ोतरी क्यों | दिखाते हैँ ? पेड़-पौधों से उनके बीज किस : प्रकार दूर-दूर फैल जाते हूँ ? तुमने आक के बीजों को हवा मैं उड़ते हुए देखा होगा । किसी एक | बीज को पकड़ने की कोशिश करो । | उसको ध्यानपूर्वक देखो । क्या तुम्हें ! उनमें बालों जैसी वदिध दिखाई पड़ती [ है । ये पैराशूट जैसा दिखाई देता है । अपने बालों कौ सहायता सं आक के, बीज हुवा में उड़ते रहते हैं। और ' बहुत-से पौधों के बीजों पर भी इस | 9 प्रकारके बाल होते हैं । ऐसे बीज अपने . मातृ पौधों से हवा दूवारा दूर जगहों पर वितरित कर दिए जाते हैं । पेड़-पौधों से उनके बीजों के वितरित्त होने के और कौन-कौन-से तरीके हैं । चित्र में कुछ पौधों के बीज दिखाए गए हैं । क्या तुम इस बात का पता लगा सकते हो कि पेड-पौधो से यह्‌ बीज किसु प्रकार दूर चले जाते हैं । अपने आसपास से विभिन्त प्रकार के पौधों के फल और बीज इकट्ठे करो । तुम पाओगे कि कुछ फल जैसे कोकिल वर्ण और पोपी के फुलों में कटि ओर हुक होते हैं। यह फल पशुओं के बालों में उलझ जाते हैं । इस प्रकार यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाते हैं ।




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