काव्याङ्गदर्पण | Kavyangadarpan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
590
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२१४५
श्रौ श्रयदा श्रनुकङ्दा--४८५, रथोद्धता--४्=न, स्वायना-- ४२,
इन्दि--४८९, भूजं- ४२६, हाक्तित्रा, कसो यः चौगेता--
४८६, मोटनक--४६०, विष्दक्रमाला, सृपर्मरात्तअयवा घौर ४६०,
सृमुखी-४९१, सन्द्रर्द-- द १, ध्रसरवि्सिदा- ४६१,
शिखष्डित--४६ १. वृना-- ४६१, >दिका-- ४६१, स्दनिश्ा-- ४९१,
उपत्यित--४६ १, १९ श्रक्षरो वाते दृत्त--४२१, चदरवल्नं या चद्दरह्म
--४६१, वश्स्य- ४६२, इन्दवेशा-- ४६२, तीटक सा मीदद--
४६३, द्रत विलम्बित--४६३, मौक्तिक दाम---४४,दुयुमवित्रिवा--
४२४, उच्तोद्धनगति--४६१, मूजगश्रपात--४२५, क्षण्विभो, पद्मिनी
या सक्ष्मीपर---४९६, प्रमिताझरा-- ४९६, जलपरमाला--९ ६,
भाततौ--४६०, तामरम--४६८, मुन्दरो-- ४९, वारिधर -- ४६८,
गोरी--४६९, सारगया मंनादनो -- ४६९ पुट-- ४६६, प्रमुदिवददना,
श्रना, चचत्तालिवो या सदात्रिनी-४६६, प्रियवदा--४६६,
मोचचामर परपदा विभादरी--४६६, मिमाय या पुष्परितिव्रा--
६६, सचिता--४२६, उज्ज्वना-- ४९९, वैदवदेवो--४६६,
पन्वचामर--४६६, १३ प्रक्षरो वादं वृत्त-५००, ईण्ना--५००,
प्ररपिपी--५००; मत्तमदूर--५००, मनुमापिपो--५०१,
नवनदिनी, सिंहनाद या कलहम--५०१, तारक-- ०, पकज-
वारिक्रा--४०२, वमन--५०>, रिया या प्रमारती--५०३,
मस्जुटातिनी-५०३, कुटिचगनि--५०३, १४ प्रवरो वाते पृत्त--
१०३, धपराजिना--५०२, ट्रितीला--५०३, वनन्तत्निनका,
निहोडता, उडपिपो प्रयदा मघुमावो--५०४, इन्टुददना--५०४,
मनोर्मा--५०१, परटरयक तिन --५०१, दमुदा--५०४, पुहि--
५०५. वानन्नं -- ५०५, वमन्त षा नान्दौमुगगी--५०४, १५ प्रकर्यो
कैः यृत्त-- ५०६, दारिकला भपवा चदादती - ५०६, सालिनी--
१०६, मगया साना--१०६, अधियुपनिकिर--५०६, सुप्रिया
५०६, मनह्रन- ५०७, उत्सव, न्न्ूपक। देवराज पा चामर---
०७, नलिनों या घ्मरावलो--५०४, निशिपाल झयदा निरिन
पानिका- ५०८, चद्रतेसा- ५०८, बन्दरषाना-- ४०८, १६ पक्ते
के वुत्त -- ६०८, पवगति, मनटस्य, दिदोषक, नोल या सोला--
५०८, पचकामर, नागराब, नाराच, चामरो प्रदा कनिष्दनन्दिनौ-
४५6, चचता या ब्रद्रा्पव--१०६, वाभिनौ-५१९,
सचिवस्पलता-- ५१०, १७ पशरों को दृत्त--श१४, थिखरिघो--
५१०, पृष्ते- ५१०, स्पपाता--५४११. सम्दोशासा प्रददा
ोपरा- ५११, स्पथना- ५१२. १८ वों दाते वृत्त--५१५.
चबरी, हरनवेंन, चचला, सालिकोलरसालिय, विवुध पिया ददवा
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