इलाहाबाद का शैक्षिक विकास | Allahabad Ka Shaikshik Vikas
श्रेणी : साहित्य / Literature
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
203
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्ययन में अग्रसर करेंगे जो जीवन के विभिन्न प्रगतिशील व्यवशायों की सफलता
प्राप्ति के लिए आवश्यक है।'
इसे प्रेषित-पत्र में ऐसी संस्थाओं की स्थापना की भी सिफारिशें की गयी,
जिनमें सब प्रकार के स्कूलों के लिए अध्यापकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा
सके। विद्यमान सरकारी स्कूल तथा कालेज जारी किये जाने का तथा आवश्यकता
पड़ने पर उनकी संस्था में वृद्धि करने का निश्चय किया गया। नये मिडिल स्कूल
खोलने के लिए योजना बनी। प्रारम्भिक शिक्षा पर अधिक ध्यान दिये जाने का
निश्चय किया गया। निजी प्रयत्नों की सहायता करने के लिए सहायता में अनुदान
की पद्धति चलाएं जाने का भी सुझाव प्रस्तुत किया गया। तथापि ये अनुदान तभी
प्रात हो सकते थे जब धार्मिक तटस्थता के सिद्धान्त का पालन किया जाय। छात्र
वृत्तिर्यो की व्यापक पद्धति प्रारम्भ किये जाने की व्यापक व्यवस्था की गयी। सरकार के
द्वारा स्त्रीशिक्षा को प्रोत्साहित किये जाने का प्रस्ताव किया गया। प्रत्येक प्रान्त में
सार्वजनिक शिक्षा के निदेशक की नियुक्ति किये जाने का भी निश्चय किया गया,
उसकी सहायता के लिए निरीक्षक; सहायक निरीक्षक तथा उपनिरीक्षकों की नियुक्ति पर
विचार किया गया। प्रो0 डाडवैल के अनुसार, “विभाग के अधिकारी मुख्य रूप से
प्रशासक होते थे तथा परिणाम स्वरूप शिक्षा एक नित्य प्रशासन का विषय बन गया।'
हण्टर आयोग (1882) में लार्ड रिपन ने 1854 में प्रेषित-पत्र के सिद्धान्तो के
कार्यान्वित किये जाने की जाँच करने के सम्बन्ध में तथा उनमें निर्धारित की गयी
गीति को बल देने के लिए आवश्यक सुझाव देने के लिए एक आयोग की नियुक्ति
*की गयी। हण्टर आयोग ने बहुत सी उपयोगी सूचनाओं को इकट्ठा किया तथा निम्न
लिखित सिफारिशें की-
1. उच्च शिक्षा की संस्थाओं के प्रबन्ध तथा सीधे समर्थनं से राज्य के क्रमिक हाथ
खींचने के सम्बम्ब म तक देते हुये आयोग ने अनुभव किया कि इस प्रकार
1. नूरूल््ला एण्ड नायक-हिस्ट्री आफ एजुकेशन इन इण्डिया इयूरिंग द ब्रिटिश पीरियड-पृ0 29
2. वही-पृ० 28
3. ट्रवेलियन सी0 एफ0-आन द एजुकेशन आफ द पीपुल्स आफ इण्डिया पृष्ठ-27
4. वही-पृ0 40
3, बेसेण्ट एनी-हायर एजुकेशन इन इण्डिया पृ0-57
6. नूरूल््ला एण्ड नाथक-दहिस्ट्री आफ एजुकेशन इन इण्डिया इयूरिंग द ब्रिटिश पीरियड-पृ0 30
7. वही-पृ0 55
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