भोजपुरी लोक गीत | Bhojapurii Lok Giit

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Bhojapurii Lok Giit by श्री दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह - Shri Durga Shankar Prasad Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ४ ) बाबू केवर सिंह की राजधानी जगदीशपुर, के पास दलीपपुर; गाँव में जहाँ श्राप के पितामद जी सन्‌ १६५७ के राज्य विज्ञत्र के उपरान्त जगदीश पुर छोड़ कर जा बसे श्रपने गढ़ के पात हाई स्कूल खालकर झापने श्रास पाल के गाँवों में शिक्षा प्रचार का भी स्तुत्य प्रयल्न किया है । शाहाबाद जिले में श्रापका कुल बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाता दे । श्रपने कुल में एक मात्र आप ही साबवजनिक कार्यों में दत्तचित्त देख पढ़ते हैं । ऊँची प्रतिष्ठा के श्रधिकारी' होकर भी लोक सेवा में तत्पर रहना श्रापकी उल्लेखनीय विशेषता है | ईश्वर से यही प्राथना है कि साहित्य सेवा की उवरा भूमि में श्रापकी कीरसिलता सदा लद्दलद्दाती रहे | राजेन्द्र कालेज हिन्दी विभाग छुपरा (बिहार) शिवपूजनसहाय श्री वसंत पचमी, संवत्‌ २००१




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