चर्चा सागर ग्रन्थ पर शास्त्रीय प्रमाण + | Charchaa Sagar Granth Par Shastriya Praman Ac 859

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(७) फेस नस्टक क्यों रचा गया १. इस अकारके नाटक रचनेके कई कारण हैं एक तो-यहं है कि वर्तमांन मुनियों परसे लोगोंकी श्रद्धा उठ जाय + और दूसरा कारण यह ह फ शासको अममाण उदरनेकः मर समाजमे खुल जाय । इस मागेके जलेसे फिर जहां कहीं झाखोंमें जो बातें सुपरकोंके हृदयमें नहीं जचेंगी दे झट अममाण ठहरा दी ज्ांयगी । आज चचौसामर ह, कल श्राचकाचार है फिर आदि पुराणका संस्कार मकरण दे फिर प्रतिष्ठा पाठ तथा अनेक पुराण हैं इस रूपसे शा ठदराये जाने लगमे । यदी एक व खुलेगा सुधारक लोग इच्छानुसार प्रवृत्ति च्छ विचारोंके प्रवतनमें विना किसी रुकावटके लगें । तीसरा कारण यह है कि आज इन सुधारक भाईयोकि कुषिचारेंकि पविरोधमें तेरह बीस सभी धर्मात्सा (मिलकर धमं- रक्षामें लगे हुए हैं और इनके शाख्रमिरुद्ध मन्तव्योंका सामु- दायिक संगठन द्वारा पूर्ण विरोध कर रहे हैं इसीलिये ये लोग अपने समयानुसार म्रचारमें सफलता प्राप्त नहीं कर सक्ते हैं, परन्तु इस चर्चासागर ग्रन्थके विवादकी सामने ठानेसे सुधारक भाई समञ्च र हैं कि तेरह वीस पन्‍्थवालोंमें परस्पर क्षगडा एवं मतभेद हो जाय वसी दमे उनकी सयु- दाय शक्ति छिन्नभिन्न हो जायगी फिर उनके सुधार मागे छिये वाघकता भी नहीं रहेगी । अथका वह शक्ति परस्परे ही क्षीण होकर असमर्थ बन जा्यगी तेरइ बीस दोनों




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