पराडकरजी और पत्रकारिता | Paradakar Ji & Patrakarita

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Paradakar Ji & Patrakarita  by श्री सम्पूर्णानन्द - Shree Sampurnanada

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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निवेदन ` १३ आयोगने भी पराडकरभीके पत्रकारिताके आदर्श, उनकी असाधारण प्रतिभा एवं सम्पादकीय नीत्तिकी अपने प्रतिवेदनमें प्रशस्तिकी है । अन्तमें मं पुस्तककी भूमिका किखनेकी महती कृपाके किए उत्तरप्रदेक्के मुख्यमन्त्री माननीय डाक्टर सम्पूर्णानन्दजीके प्रति हादिक आभार प्रकट केरता हं ! सम्पादकाचार्यं पण्डित अम्बिकाप्रसादजी वाजपेयी तथा स्वर्गीय सम्पादकाचार्य * पण्डित लक्ष्षणनारायणजी गर्देका भी मैं परम अनुगृहीत हैं जिन्टोने इस पुस्तकके अनेक प्रसंगोके ठेखनमें मृञ्े निर्देश दिया है । आचार्यं पण्डित विश्वनाथप्रसादजी मिश्रने पुस्तककी पाण्डुलिपिका अवरोकनकर अनेक महत्त्वपूर्ण सुझाव दिये हैं । “आज' की फाइलोंके अध्ययन तथा उसके अनेक उद्धरणोके किए मँ ज्ञानमण्डल लिमिटेडका आभारी हँ । पराडकर-बन्धुओं विशेषतः भाई मंगरजीको पराडकरजीके पत्र-व्यवहार, भाषण तथा अन्य सामग्रीका उपयोग करनेकी अनुमति देनेके लिए कृतज्ञता प्रकट करता हँ । भारतीय ज्ञानपीठकी रोकोदय ग्रन्थमाराके विद्वान्‌ सम्पादक बन्धुवर आदर- णीय श्री लक्ष्मीचन्द्रजी जैनके बहुमूल्य निर्देशोंके लिए भी मैं अत्यन्त आभारी ह । पुस्तकके शीघ्र तथा सुन्दर मुद्रणके किए श्री बाबूलार्जी जेन हार्दिक धन्यवादके पात्र हैं । \७ लच्मीशं रै मातृनवमी २०१७, वि° -लकच्मीर्शंकर व्यास व्यास-निवास, वाराणसी




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