शक्ति - भाष्य का अध्ययन | Sakti Bhashya Ka Adhyayan

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Sakti Bhashya Ka Adhyayan  by डॉ. सुशीला - Dr. Sushila

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( {8 । 3 ठतीय मध्याय १०५५११९ शक्तिमाध्य और शांगरमा'्याजुसार जीव : (१३) जोव का स्वस्प १०४ (२) वश्च परिमा ११४ (३ है सीय दा बार से साम्पत्थ १९६ चतु ज्याय १२०१६३४ शक्तिभाध्य ओर शांक्रभाप्य फेः अनुसार जगन्‌ : (१ )च्टिष्यस्वस्प १९० (९) प्रकति-शुद्ध दिया एवं माया ११० पञ्चम वध्याय १६५-१५१ स्रूपादेतवादं फी उभयात्मकता पौ स्यापना एषं धन्य प्रतिसिद्धान्तों पा नियफरण : (८१4) स्वष्पदेतषाद ९ उभपामग्ना ११९ (२) शराप्यमत नराण १३५ (1 ) बैशेपिर मत निराग १२९ (४ ) बोद मत निराधरण षण (५) नमन्‌ र्दन १४ (६ ) शाइरणिदान्त : दिद्वाद ष्ट समीर १४५० (७) पै-षभत निरा १४९ (८ ) पाशुपत मा गर्ने १५१ पप मध्याय १५२-१६७ शक्तिमाप्य का छाष्यात्मिफ सिद्धान्त : (१) शर्त दो कूपा भर हत्यहान १०९ ८) निर्मागि-्रय निदान्त १४६ (३) जीव दा बन्प एवं मोझ १५७ ( ४ ) शॉइरमाप्य और शत्भाष्यानुयार भपिद्ारौ भेद १५९ (* ) धोदशोपाश्ना ख मद्स्व है एतम भष्यपि ट १६८-२५१ दॉपर दी तुलना में डालिमाध्य का अपिवरण निर्देशपूरर ग्याख्याभदः भएम भष्पाप २५४६१ चुपमंहार २६२ गद्टापद धरद ष




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