सुन्दर गुटका | Sundar Gutaka

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Sundar Gutaka by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जपुजी १३ ... निरंकार॥ असंख अध घोर. ॥ असंख चोर. हराम खोर ॥ असंख - अपर करिःजाहि हे 0 जोर ॥ असंख गल बढ-हृतित्रा 2 कमाहि॥ असंख पापी पापु करि जाहि॥ अंसंख ऊंडियार . कड़े फिराहि॥ असंख मले् मलु भखि ? निंदक सिरि करहि . हु मार नानक नीच कहे वीचास पी ६ जावा एक वार. जो तुधु भाव साई भलीकार। तू सदा सलामति निरं कार 0 १८॥ अपंख 0 नाव असंख थाव .॥ अगंग झगंग हि 9९. छठ छठ खो




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