सेठ गोविन्ददास के नाटक | Seth Govindadas Ke Natak

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Seth Govindadas Ke Natak by रत्नकुमारी देवी - Ratnkumari Devi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पोराणिक नाटक गोविन्ददास जी का “कतंब्य' पौराणिक नाटक है। उसमे राम और कृष्ण की जीवन-कथाये है । वरन इस नाटक के दो भाग है। पूर्वांघ में रामकथा है और उत्तराध मे कृष्णकथा । नाटक मे छृष्ण को राम का ही पुनर्जन्म माना गया है। राम और कृष्ण पर ाज तक न जाने कितने कवियो ने कितने कितने बृहत्‌ भन्थ लिख डाले है। राम और कृष्ण की जीवन कथाओओ और उनके चरित्रो मे तो गोविन्ददास जी ने भी कोई परिवतन नहीं किया है, पर इन पुरानी कथाच्नो चोर पुराने चरित्रो को उन्होने सबंथा नये ग से उपस्थिव किया है! यद्‌ है दोनो चरितो की कायं करने की भावनाएँ और कर्तव्य करने की प्रणली। इसीलिए इस नाटक का नाम “कर्तव्य” है। दोनो की भावनाएं और उन भावनाश्नो के अनुसार कतव्य करने की श्रणालियाँ एक दूसरे से ठीक विरुद्ध है। राम की भावनाओ तथा कतेज्य-पालन मे




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