फाउंड्री प्रेक्टिस ढलाई का काम | Foundi Practice dhalai Ka Kaam

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Foundi Practice  dhalai Ka Kaam by जय नारायण शर्मा - Jay Narayan Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ज़रूरी बाते डेसिमलः-- डेसिमल का हिसाब ससकना परमावश्यक है । इसके जाने बिना नाप तोल समभ में नहीं आ सकते । डेसिमल का सीधा सा मवलब यह है कि जब हमको १ से भी कस रकम वहुत सही वतानी होती है तो उसको डेसिमल द्वारा बताते हैं । साधारणतया १ से कम रकम के लिये हम कहते हैं चौथाई, आधा, पौना, आदि २। इस चौथाई, आधे, पौंने आदि को हम डेसिमल द्वारा सद्दी २ झासानी से बता सकते हैं । डेसिमल से बायें हाथ जो रक़म होती है वह पूरी ब्यों की यों रक़म है। डेसिमल के बाद (दायें दाथ को ) जो रक़म होती है उसमें 'वाहे कितने ही दृरफ हों लेकिन १ से कम होते हैं । अब समभकना चाहिये:-- *१ यह बराबर है है5 यानी १० सें से एक हिस्सा कक वेट +» ० में से २ हिस्से दे की. कि 35. १० में से डे ह्स्सि *£ यह बराबर है >ई< यानी १० में से ६ हिस्से । ये ऊपर के डेसिमल की रक़में सच १ से कम हैं । १, २, ३, ४, ४, दे, ७, '८, ६ के बाद १ पूरा झायेगा।




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