फाउंड्री प्रेक्टिस ढलाई का काम | Foundi Practice dhalai Ka Kaam
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11.44 MB
कुल पष्ठ :
408
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ज़रूरी बाते
डेसिमलः--
डेसिमल का हिसाब ससकना परमावश्यक है । इसके जाने
बिना नाप तोल समभ में नहीं आ सकते ।
डेसिमल का सीधा सा मवलब यह है कि जब हमको १ से
भी कस रकम वहुत सही वतानी होती है तो उसको डेसिमल
द्वारा बताते हैं । साधारणतया १ से कम रकम के लिये हम कहते
हैं चौथाई, आधा, पौना, आदि २। इस चौथाई, आधे, पौंने
आदि को हम डेसिमल द्वारा सद्दी २ झासानी से बता सकते हैं ।
डेसिमल से बायें हाथ जो रक़म होती है वह पूरी ब्यों की यों
रक़म है। डेसिमल के बाद (दायें दाथ को ) जो रक़म होती है
उसमें 'वाहे कितने ही दृरफ हों लेकिन १ से कम होते हैं ।
अब समभकना चाहिये:--
*१ यह बराबर है है5 यानी १० सें से एक हिस्सा
कक वेट +» ० में से २ हिस्से
दे की. कि 35. १० में से डे ह्स्सि
*£ यह बराबर है >ई< यानी १० में से ६ हिस्से । ये ऊपर
के डेसिमल की रक़में सच १ से कम हैं ।
१, २, ३, ४, ४, दे, ७, '८, ६ के बाद १ पूरा झायेगा।
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