पतझड़ कब तक | Patjhar Kab Tak
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
637 KB
कुल पष्ठ :
88
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अनुक्रम
जय जय जय हे भारती
जगती है जीवन भरने को
सुपधिक
घाव बहुत ही गहरा है
कल जहां दीवाली थी
कंसे दोप जलायें साथी
किस तरह मनायें दीवाली
भदमसौर व्यवस्था
कहां है वे खुदिया
मैं मानव हूँ
आदमी को प्यार दें
बुक चुका हृदय का ही दीपक
वीरों के प्रति
धरती हिन्दुस्तान की
साधियों धाम लो मशाल
साथी चलो
ये जमी महान
चलना हो होगा
'पले चलो
करनी-कथनी मे अन्तर हो---?
श्रम पुजारियो उठी
प्यारा देश हमारा है
फिर दे मोवा आया है
जाग जवान
बया हें कुन्वा हमारा
17
18
20
21
23
25
27
29
31
33
35
3
38
40
42
१३
45
46
47
49
51
53
55
5
49
User Reviews
No Reviews | Add Yours...