काव्यमाला | Kavyamala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भक्तामरस्तोत्रम् । ९.
वर्गत्तरङ्गगजगजितभीमनाद-
माजौ जरु जरूवतामपि भूषतीनाम् ।
उद्यदिवाकरमयूुखशिखापविद्धं
त्वत्कीतनात्तम इवाझु भिदासुपैति ॥ ४२ ॥
कुन्ताअभिन्नगजशोणितवारिवाह-
वेगावतारतरणातुरयोधभीमे ।
युद्धे जय॑ विजितदुजेयजेयपक्षा-
स्त्वत्पादपङ्कजवनाश्रयिणो रमन्ते ॥ ४३ ॥
अम्भोनिधौ क्षुमितभीषणनक्रचेक्र-
पाटीनपीठभयदोल्बणवाडवामनौ ।
रङ्गतरङ्करिखरस्थितयानपात्रा-
खासं विहाय भवतः स्रणाद्रजन्ति ॥ ४४ ॥
उद्धतभीषणजरोदरभार्भुमाः
रोच्यां दहामुपगताश्युतजीविताराः ।
त्वत्पादपङ्कजरजोभृतदिग्धदेहा
भत्यो भवन्ति मकरध्वजतुस्यरूपाः ॥ ४९ ॥
आपादकण्ठमुरुश्वद्धलवेष्टिताज्ञा ,
गादं च्रृहन्निगडकोरिनिघुष्टजङ्काः ।
त्वन्नाममत्रमनिश् मनुजाः सरन्तः
सदयः खयं विगतबन्धभया भवन्ति ॥ ४६ ॥
मत्तद्िपेन्द्मृगराजदवानखाहि-
सद्गामवारिधिमहोदरबन्धनोत्थम् ।
तस्याञ्च नाशमुपयाति भयं भियेव
यस्तावकं स्तवमिमं मतिमानधीते ॥ ४७ ॥
--- ---~---~- ------ ~-------~------- -- ~-- - ~~ ~ -- -- . -- नहला न नस
गिल
१. वबारिवाद्दा जलप्रवाहा:. ९. “चक्के” इति पाठ 'भमाः,” “मात” इति च
पाटः,
२
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