प्राचीन यूनान का इतिहास भाग - 2 | Prachin Yunan Ka Itihas Bhag - 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
99 MB
कुल पष्ठ :
235
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ६)
दोनों ने परद्षिया को भी अपनी झोर मिलाने का अ्रखफल प्रयास किया ।
पिलोपेनेसस इटली व सिसीली को अपनी शमर
परशिया, इटली व मिलाने में श्रसफल रहा । एथस ने भो इस दिशा में
सिक्षीली को मिलने प्रयत किये । केलेस के अनुमादन पर लिग्राण्टिनी
में झसफलता (1.60) वे रेगियम (च्छापय ४३२ ई०्पु०)
तथा जेकिन्थस से एथेस की संधि हो गयी, लेकिन इत
सफलताभ्रो-प्रसफलताभो का निकट भविष्यं मँ कई महुत्वपुणं प्रभाव नहीं पड़ा ।
यह युद्ध श्रधिकांशतः एट्रिका, अ्रस व पश्चिमी युनान के सागरों में ही
सीमित रहा क्योंकि एक नोसेनिक शक्ति होने के कारण
प्रमुख रणक्षेत्र-एट्रिका, एथेंस वहीं लाभ में रहता जहाँ उसके जहाजी बेड़े
भ्रस्त व पर्चिमी को सफलता के अधिकाधिक अवसरो, रौर स्पार्टा
यूनान एकं स्थल-राक्ति होने के नाते वहीं प्रहार करने पर
लाभान्वित होता जहां इसकी थलसेना के लिये
अनुकूल भ्रवसर हों । इसी कारण स्पार्या ने रएट्का वं धेस,
ग्रौर एथेंस ने पश्चिमी समुद्र में ही आक्रामक रुख अपनाया । इसी दृष्टि से
पेरीक्लीज ने एथेंस के नागरिकों को भूमि व सम्पत्ति
थकाने की नीति भादि छोड़कर समुद्र व नगर की रक्षा का निर्देश
दिया । वह् किसो भी तरह स्वयं युद्ध श्रारम्भ नहीं
करना चाहता था क्योकि उसे ज्ञात था कि स्थल दाक्ति में स्पार्टा श्रपेक्षाकृत
प्रबल है । साथ ही अपनी नौ-सेना पर भी उसे आवश्यकता से म्रधिक विश्वास
था । अत: वह थकाने को नीति पर उटा रहा ।
स युद्ध का तात्कालिक कारण एर्थस व यीविस के बीच प्लेटेदभा
को लेकर छिड़ने वाला संघर्ष था । प्लेटेइ्ना एथेंस का मित्र राज्य था किन्तु
वहाँ के कुछ झ्रसन्तुष्ट सरदारों ने थीबिस को श्राक्रमण का बुलावा दिया । एक
प्न्धेरी रात में थोबिस के ३०० सैनिक प्लेटेइया नगर
एथेन्स व थीबिस के... में प्रविष्ट हो गये । और उसे बोयोशियन संघ की
बीच संघषं सदस्यता-स्वीकार करने को कहा । परन्तु एस द्वारा
सहायता का झाइवासन देने पर प्लेटेइभ्रा ने सदस्यता
स्वीकार करने से इन्कार कर दिया । प्लेटेडया वासियों ने रातो-रात सड़कों व
मकानों की किलेबन्दी कर थीबन सैनिकों का पलायनके लिये विवश कर
दिया । उन में से जो भागने में सफल न हो सके वे कैद कर लिये गये--वे स्वयं
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