प्राचीन यूनान का इतिहास भाग - 2 | Prachin Yunan Ka Itihas Bhag - 2

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Prachin Yunan Ka Itihas Bhag - 2 by शैलेन्द्र प्रसाद पांथरी - Shailendra Prasad Panthari

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शैलेन्द्र प्रसाद पांथरी - Shailendra Prasad Panthari

Add Infomation AboutShailendra Prasad Panthari

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( ६) दोनों ने परद्षिया को भी अपनी झोर मिलाने का अ्रखफल प्रयास किया । पिलोपेनेसस इटली व सिसीली को अपनी शमर परशिया, इटली व मिलाने में श्रसफल रहा । एथस ने भो इस दिशा में सिक्षीली को मिलने प्रयत किये । केलेस के अनुमादन पर लिग्राण्टिनी में झसफलता (1.60) वे रेगियम (च्छापय ४३२ ई०्पु०) तथा जेकिन्थस से एथेस की संधि हो गयी, लेकिन इत सफलताभ्रो-प्रसफलताभो का निकट भविष्यं मँ कई महुत्वपुणं प्रभाव नहीं पड़ा । यह युद्ध श्रधिकांशतः एट्रिका, अ्रस व पश्चिमी युनान के सागरों में ही सीमित रहा क्योंकि एक नोसेनिक शक्ति होने के कारण प्रमुख रणक्षेत्र-एट्रिका, एथेंस वहीं लाभ में रहता जहाँ उसके जहाजी बेड़े भ्रस्त व पर्चिमी को सफलता के अधिकाधिक अवसरो, रौर स्पार्टा यूनान एकं स्थल-राक्ति होने के नाते वहीं प्रहार करने पर लाभान्वित होता जहां इसकी थलसेना के लिये अनुकूल भ्रवसर हों । इसी कारण स्पार्या ने रएट्का वं धेस, ग्रौर एथेंस ने पश्चिमी समुद्र में ही आक्रामक रुख अपनाया । इसी दृष्टि से पेरीक्लीज ने एथेंस के नागरिकों को भूमि व सम्पत्ति थकाने की नीति भादि छोड़कर समुद्र व नगर की रक्षा का निर्देश दिया । वह्‌ किसो भी तरह स्वयं युद्ध श्रारम्भ नहीं करना चाहता था क्योकि उसे ज्ञात था कि स्थल दाक्ति में स्पार्टा श्रपेक्षाकृत प्रबल है । साथ ही अपनी नौ-सेना पर भी उसे आवश्यकता से म्रधिक विश्वास था । अत: वह थकाने को नीति पर उटा रहा । स युद्ध का तात्कालिक कारण एर्थस व यीविस के बीच प्लेटेदभा को लेकर छिड़ने वाला संघर्ष था । प्लेटेइ्ना एथेंस का मित्र राज्य था किन्तु वहाँ के कुछ झ्रसन्तुष्ट सरदारों ने थीबिस को श्राक्रमण का बुलावा दिया । एक प्न्धेरी रात में थोबिस के ३०० सैनिक प्लेटेइया नगर एथेन्स व थीबिस के... में प्रविष्ट हो गये । और उसे बोयोशियन संघ की बीच संघषं सदस्यता-स्वीकार करने को कहा । परन्तु एस द्वारा सहायता का झाइवासन देने पर प्लेटेइभ्रा ने सदस्यता स्वीकार करने से इन्कार कर दिया । प्लेटेडया वासियों ने रातो-रात सड़कों व मकानों की किलेबन्दी कर थीबन सैनिकों का पलायनके लिये विवश कर दिया । उन में से जो भागने में सफल न हो सके वे कैद कर लिये गये--वे स्वयं




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now