आधुनिक कवितायें | Aadhunik Kavitayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Aadhunik Kavitayan  by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
1 5; + _ लक्ष्ये न्सराख्य सुधाशु ्रा्ुनिक कविता बनाम नयी कबिता-एरक समीक्षा ' प्राघुनिक कविता के श्रंतगत नयी कविता को स्थान प्राप है या नही, यहं एक विचारणीय प्रन है! विचारणीय यह्‌ शायद इसलिए माना जाता है कि श्राघुनिक कविता मे काव्य की परम्परा श्विदि है, किन्तु नयी कविता मे परम्परा के पालन का कोई थ्राग्रह नहीं है या इसे यो भी कहा जा सकता है कि परम्परा को विछिन्न करने से ही नयी कविता को उन्पुक्त 'वायुभडल मिल सकता है'। खछार्यावादी या रहस्यवादी धारा की प्रतिक्रिया से जो कविताएँ रची गयी वे ही मुख्यत. नयी कविता की श्रेणी में घ्राती हैं। हम यह जानते हे कि प्रतिक्रिया से उत्पन्न ' कोई भी साव, विचार, वस्तु श्रपने मूल स्वरूप मे स्थायी नहीं होती, शुद्ध भी नहीं होती । प्रतिक्रिया के जोर से जव क्रिया दव जाती है तब प्रतिक्रिया भी स्वत: नप्ट हो जाती है, क्योंकि प्रतिक्रिया को क्रिया से ही जीवन प्राप्तहोतादहै) ` [1 ६ 71 -{) ~ £ श ` ' शरस य' चे श्रपने ^तार-सक्तकं मे प्रयोगवाद के उदाहरण.केरूप मे जो कविता सणश्हीत कौ है वे नयो कविता फो!श्रेणो मे परिगणित हौ सकती है, इस विचार से यह्‌ स्पष्ट है कि' ^तार-सस्क' के प्रकाशन के पूर्वे ही नयी कविता का जन्म दो चुकी है... _ छायावांद भ्रोर रहस्यवाद मे तात्विक भिन्नता के प्रश्न को लेकर कविय सथा भ्रालोचको मे जिस प्रकार मतैक्य नही है उसी ` प्रकार प्रगतिवाद; भरयोगवार १७.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now