राजस्थानी साहित्य की रूपरेखा | Rajasthani Sahity Ki Ruparekha

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Rajasthani Sahity Ki Ruparekha by मोतीलाल मेनारिया - Motilal Menaria

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( २ ) १२०--१२१, खूदन १२२--१२४, सुन्दर कुवरिबाई १२४-- १२४, महाराजा प्रतापसिह १२६--१ २८, मंछारास १०८, महाराजा सानसिद्द १४८--६१३० कविराज बाँकीदास १३०--१३३, किशनजी श्राढ़ा १३३- १३५; महारावराजा विप्णुसिह १३५--१३६, गोस्वामी कृष्णलाल १३६, महाराणा जवानसिद्द १३६--१३७, राजिया १३७--१३६, दीनदरवेश १३६--१४१ লুনা अध्याय ( श्राघुनिककाल : पद्य ) १० १४२- १५८ श्राघुनिक काल को विरोपता्् १४२- १४३, कविराजा सूय्य॑मल १५३- ९५४, बाबा स्वरूग्दास १५४-- १५६, जीवनलाल १४६, ताप कु वरिवाई १५६-- १५८) गणेशपुरी {५८- १६०) कविराव बस्तावरजो १६१- १६२, राव गुलाब्रजो १६२-१६४, उमरदान १६४- १६६, बिडदर्िह १६६- १६७, कविराज मुरारिदास १६७) चन्द्रकलाव्ाई १६७- १६८) कविराजा सुरारिदान १६८-- १५०, महाराज चतुरसिह १८५०-- १८४, केसरीसिहजी बरहट १५४- १७६, पं० उमाशंकर द्विवेदी १५६-- १५७, कुमारी दिनेशन दिनी चोरडिया १७७-- १७८ सातवाँ अध्याय ( आवुनिक कालः ग्य ) पृष्ठ १७९--२१५१ गय्य का विकास १७८--१८३, कविराजा श्यामलदास १८३--१८६, पं० लज्जाराम मेहता १८६--१८६, मुंशी देवीप्रसादु १८६--१६०, बाबू रामनारायण दूगड़ १६१, पं० रामकर्य आसोपा १६१--१६४, पं० गौरीशंकर- हीराचन्द ओमका १६४- १६६, पुरोहित हरिनारायण १६६--२०१, दीवान बद्ादुर दरबिलास सारढ़ा २०२--२०४, पं० विश्वेश्वरनाथ रेड २०४--२०७, पं ० सूर्येकरण पारीक, २०५--२०९, ठाकुर रामसिह २०६--२१०, नरोत्तम- दास स्वामी २१०२१९१, जनादन राय नागर २११२१३२) अन्य लेखक २१३--२१५ परिशि प्रण २२०-२५८




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