अर्हत् आदीश्वर | Arhat Adishwar
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
371
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सगं पहला
मद्धला चरण
प्रथम भव : धनसेठ
धर्मंघोष आचाये का आगमन
मुनिचर्या
धनसेठ का विषाद
गुरु दशेन के लिए प्रस्थानं
सन्तो के कार्य-कलाप
घृत का दान और
सम्यग् दर्शन की प्राप्ति
धर्मघोप श्राचायं का उपदेश;
धर्म के प्रकार
दान : ज्ञानदान-ग्रभयदान
जीव के प्रकार
धर्मोपग्रह दान
शील-धर्म
तप-धर्म
निर्जरा के भेद
दूसरा भव-युगलिया जीवन
कल्प वृक्ष
तीसरा भव : सौधर्म देवलोक मे देव
अनुक्रम्
पृष्ठ
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११
११
१२
१२
१४
৭
৭৯
१५
पृ८
৭5
१९
चौथा भव : महाविदेह् क्षेत्र मे महावल १९
शतवल का दीक्षा ग्रहण
तृपति महावल
मत्री का नृप को प्रतिवोध
अनात्मवादी सभिन्नमति कथन
आत्मा का अस्तित्व
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क्षणिकवादी शतमति कथन
परिणामी नित्यवादी स्वय-वुद्ध कथन
मायावादी महामति कथन
ह तवादी स्वयवुद्ध कथनं
महावल नुप कथन
स्वयवुद्ध द्वारा कथित इतिहास
दण्डक राजा
पॉचवा भव : ललिताग देव
ग्रनामिका ललिताग की भावी पत्नी
धर्म-देशना
नारकीय दु ख वर्णन
तियेञ्च दु ख-वर्णन॑
मनुष्य दु.ख-वर्णान
देव दु'ख-वर्णन
ललिताग देव के च्यवनं चिन्ह
छठा भव महा विदेह मे वज्रजघ
वज्जजघ को जात्िस्मरण
वज्रजंघ की पत्र द्वारा हत्या
सातवां भव-युगलिया
आठवा भवः सौधे देवलोक मे देवता
नवम भव. जीवानन्द वैद्य
मुनि की चिकित्सा
दशवाँ भव. ्रच्युत देवलोक मेँ
सामानिक देव
ग्यारहवां भव वख्नाथ चक्रवर्ती
वज्मेन भगवान् का आगमन
लब्रधियो का वर्णन
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