श्री नानकविनय | Shri Nanak Vinay

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Book Image : श्री नानकविनय  - Shri Nanak Vinay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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{[.१५ 1 जासि संदा रहत संग लागों ॥ न्ष हंस तजो इह कामां प्रतं प्रेतं कैर भागो) इदि विधि को बिंखद्दीर बेन्यो हे जा सिख नेह लगांओ ॥ अंत वार नानके बिन हरि जो-को काम ने आओ ॥ 8 ॥ २६॥ পন ` ` ˆ ,:ॐ सति शु प्सादि धनासरी महढी | -. ` काहे रे बन खोजन जाई । सरब ;नि वासो सदाअलेपा तोही संगिसंमाई॥१॥ राज | चुप मधि जि बासु बसतु है-सु- . कर माह्ि जेसे छाई ॥ तेसे हो हरि बसे निरंतर घट हो: खीजहु भाई \\२॥ बाहर 'भीतरि एको -जानद ভন ব্য उगिेआन बताई + जन नानक बिन- आपा: चोने _ मिटे न सख्रम की काई ॥;11-२७-॥ साथी इचु जगु-भरम জালা হাল, नाम का सिमर॑नु-छोडिआ -माआ हाथ , निकानः ॥-१॥ € माता पिता-भाई




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