शारदा एक्ट अथवा बालविवाह निषेधक कानून | Sharada Ekt Athava Balvivah Nishedhak Kanoon

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Sharada Ekt Athava Balvivah Nishedhak Kanoon by कुँवर चाँदकारण शारदा - Kunvar Chandkaran Sharad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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মন] হাহা অক্ষত, (थी) बाल-विवाह'” का अथे वह विबाह होगा जिसमें विवाह करने चाले वर श्रथवा वध्ू में से कोई + “না 'ঃ हो | | . (सी) “विवाह करने वाले फ़रीक़ों” का मतलब यद्द दे कि बर वधू में से कोई एक व्यक्ति जिसका विवाह किया जाने वाला हो या किया गया हो । (डी) “नाबालिश” शब्द के अर्थ वह व्यक्ति स्त्री या पुरुष होगा जिसकी आयु १८ वर्ष से कम हो। २१ बे से कम उम्र वाले बालिग पुरुष को १४ वर्ष से कम आयु वाली लड़की से विवाह करने पर दंड ३--१८ वर्ष से ऊपर और २१ वर्ष से कम उम्र का कोई पुरुष अगर बाल-विवाह करे तो डलको एक हज़ार १०००) रुपये ह ৯৬ ৯৩ तक के जुमोन की सज़ा हो सकेगी । २१ धपे से अधिक उम्र वाले पुरुष को बाल-विवाह करने पर दंड ४--अगर कोई २१ वर्ष से अधिक उम्र वाला पुरुष बालविवादद करेगा तो उसको १ महीने तक की सादी क्रेदया १०००) एक हज़ार रुपये तक का जुमाना या दोनों सज़ाएं दी जा सकेगी । ~+ ~~~ 2 त 2 फुट नोट ३--“विवाह किया जाने वाला हो'' यह शब्द बाल-पिवाह- निषेधकं द्वितीय संशोधित क्रानन सन्‌ १६२२ एक्ट नं० १६ सन्‌ १६१८ की धारा २ के अनुसार जोड़े गये हैं, जिसको कि बड़े लाट साहब ने ६ अप्रैल सन्‌ १६३८ ६० को स्वीकार किया । _




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