सत्यार्थ चंद्रोदय | Satyarth Chandrodaya

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Satyarth Chandrodaya by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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{ ९५ ) নও विषय पृष्ठ देशी भाषा सम्वत्‌ १८६«के छपे की ष्ट में लिखते हैं कि दूं ढिये चचों में सदा पराजय होते हैं परन्तु पंजाब देश मे तो राजा हीरा- सिंह नामा पति की सभामें पुल की पराजय छुड्टू इस के प्रमाण में गुरुमुखी का इंश्तिह्ार द। छत्तर--तम हो दस लो १६६ ३१ प्र०-यह जो पर्वोक्त निन्द रूप कूठ और गालियें सहित पुस्तक और अखबार बनाते हं और छपाते ईं उन्हें पाप तो अवश्य लगता होगा । उत्तर-हा लगताह इसका सम्ताधान और प्रार्थना १७२




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