सत्यार्थ चंद्रोदय | Satyarth Chandrodaya
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
230
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand){ ९५ )
নও विषय पृष्ठ
देशी भाषा सम्वत् १८६«के छपे की ष्ट में
लिखते हैं कि दूं ढिये चचों में सदा पराजय
होते हैं परन्तु पंजाब देश मे तो राजा हीरा-
सिंह नामा पति की सभामें पुल की पराजय
छुड्टू इस के प्रमाण में गुरुमुखी का इंश्तिह्ार
द।
छत्तर--तम हो दस लो १६६
३१ प्र०-यह जो पर्वोक्त निन्द रूप कूठ और गालियें
सहित पुस्तक और अखबार बनाते हं और
छपाते ईं उन्हें पाप तो अवश्य लगता होगा ।
उत्तर-हा लगताह इसका सम्ताधान और प्रार्थना १७२
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