प्रतिक्रमण विधि संग्रह | Pratikaraman Vidhi Sangrah

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Pratikaraman Vidhi Sangrah by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
~ सम त न স্পীিক < [1 পাপ ইজ পবা 3 লা কাপাপাতিপসউসসালী রশ হি আব তি শা পি পাত {~~~ र = कन জি च, दरम ৮1 রহবা के मरा, भम नृ 1 क क्र ~ ता है । प्रानश्यण प 1 ॥ अगर गए राव का + ५०4 निः द # {1 पम्‌ आर ५. ৬ फोप ॥ 7231 शै 0 ५ पृत्त क्री सो र्‌ বং से जिसका » টা साथ অহ शै ॥ 1 ~ সঙ एग सवाराध्निक हद भौर हे 1 र तै ধামনী 9 [न 1 सद्गागों ठायसि, थे पाता भर व्यमेव टाया ठा गृष्र खामाद्यं ~ গেম থু धतु ५९ মুলে £ যু = {४ (ह च साधन त, जहि परः 1 कृठ1 मद्वि তনিমা কা परो प्र ও नि ससं क पद्िितायि ते मामा पू १११८६५१ षरि পি নি भते भ्राम ता; क প চান ५ ज्जा रि श्र ५५ হা শা যন ति युः (4 १५ चं र्त्त ই प र क्षि पर त, ৯৬. ५, খ্চ य 7 21৮9] হান নী গাদু ५ =. 2?




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now