वर्णाश्रम व्यवस्था का समालोचनात्मक अध्ययन | Varnashram Vyavastha Ka Samalochanatmak Adhyayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Varnashram Vyavastha Ka Samalochanatmak Adhyayan by बद्री प्रसाद तिवारी - Badri Prasad Tivari

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about बद्री प्रसाद तिवारी - Badri Prasad Tivari

Add Infomation AboutBadri Prasad Tivari

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ऋण्वेद के इस मंत्र में जिसप्रकार से ईष्वर के विविध अंगों से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य ओर श्रौ की. उत्पत्ति का प्रकार कहा गया है, उसी प्रकार की व्याख्या महर्षिं सायणाचार्य ने भी की है! । एक अन्य स्थान पर यह संकेत है कि प्रजापति के मुख से ब्राह्मण, वक्षस्थल एवं बाहु से क्षत्रिय, देह के मध्यभाग से वैश्य एवं पदों से शूद्र की उत्पत्ति हुई हैः वैदिक सन्दर्भो में अनेक स्थानों पर ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र के साथ-साथ दास का उल्लेख हुआ है। ऋग्वेद में ब्रह्म शब्द ब्राह्मण के लिए, क्षत्र शब्द राजन्य के लिए और विश्‌ शब्द वैश्य के लिए तथा दास को सम्मिलित करते हुए पंचजना” का प्रयोग हुआ है । उत्तरकालिक संकेत- उपनिषद्‌ परम्परामे तो चारों वर्णो का उल्लेख अनेकशः हआ है क्योकि वहां परे उस परम शक्ति ब्रह्म से ` _ सृष्टि कैसे उत्पन्न हुई, इसका क्रम से वर्णन है । बृहदारण्यकोपनिषद्‌ | में प्रजापति से किस प्रकार की मैथुनी सृष्टि हुई, इसका विस्तार से वर्णन है । वहौँ पर यह संकेत है कि वह अकेला रमण नहीं कर सका ` इसलिए उसने अपने को दो भागोंमें बांट लिया ओर व्ही स्त्री तथा. पुरुष बनकर रमण करने लगा। बाद मे वहां पर यह कहा गया कि ब्रह्म रूप उस प्रजापति ने अपने रमणकाल मे आवश्यकता के अनुसार क्षत्रिय, वैश्य, शूद्रादिकों को उत्पन्न कियाँ। ` धर्म अ.,पृ .३५४ तैसं. ७८१८१ ऋक्‌ १०८१४१८५, ते ब्रा.३८९८१४, ऋक्‌ ३८३२३४८२, ३८३७९ स वै नैव रेमे तस्मादे काकी न रमते स द्वितीयमैच्छत्‌ ।......... 1 ब्रह्म वा इदमग्र आसीदेकमेव तदेकं सन्न व्यभवत्‌ । तच्छयो रूपमत्यसुजत क्त्र यान्येतानि............. । स नैव व्यभवत्‌ स विशमसृजत यान्येतानि देवजातनि गणश | ०८ ८८ „९4 ~< | आरव्यायन्ते.........। स नैव व्यभवत्‌ स शौद्र||वर्णमसृजत पूषणमियं वै पृषेयं हीदं सर्व पुष्यति। ईद्रा.उ.पृ.२७६-२८




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now