जैन सिद्धांत प्रवेश रत्नमाला | Jain Siddhant Pravesh Ratnamala Vol. - Viii
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
318
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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प्रशन १५-मे शीतल प्रसाद हू-इस वाक्य पर बन्धको चार
बातें लगाकर समझाइये ? ि
प्रदन ९ ६-मेंने ब्रह्मचर्ण का भाव किया-इस वाक्य पर बन्ध की
चार बाद लगाकर समझादइये ?
प्रदनन १७-यह सेरा महल है-इस वाक्य पर बन्ध की चार बातें
लगाकर समझाइये १
प्रइत श्य-में प्रवोध चन्द्र एडवोकेट हु-इस बात पर बन्ध की
चार बातें लगाकर समझाइये ?
प्रन १९-मे शान्ति रखता हू -इस वाक्य पर वन्ध की चार
बातें लगाकर समझाइये ?
प्रशन २०-यह् मेरी कार है-इस वच्य पर बन्ध की चार बातें
लगाकर समझाइये ?
সহল २९-में अजीत कुमार शास्जी हु -इस दादय पर जन्ध को
चार बाते लगाकर समझाइये ?
प्रदन २२-मेंने आऑहसा का भाव किया-इस वाक्य पर खन्ध की
चार बाते लगाकर समझाइये ?
प्रन २३-यह् मेरो हीरो की दुकान है-इस वाद्य पर बन्ध को
चार बातें लगाकर समझाइये ?
प्रदत रड-सै डॉक्टर हु-इस वादय पर न्ध कीचर वाते
लगाकर समझाइये ?
प्रन २५-मेने एक्सरे मशीन सगाई है-इस दाक्य पर वन्ध की
चार बाते लगाकर समझाइये ?
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