जैन सिद्धांत प्रवेश रत्नमाला | Jain Siddhant Pravesh Ratnamala Vol. - Viii

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Jain Siddhant Pravesh Ratnamala Vol. - Viii by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(५ ) प्रशन १५-मे शीतल प्रसाद हू-इस वाक्य पर बन्धको चार बातें लगाकर समझाइये ? ि प्रदन ९ ६-मेंने ब्रह्मचर्ण का भाव किया-इस वाक्य पर बन्ध की चार बाद लगाकर समझादइये ? प्रदनन १७-यह सेरा महल है-इस वाक्य पर बन्ध की चार बातें लगाकर समझाइये १ प्रइत श्य-में प्रवोध चन्द्र एडवोकेट हु-इस बात पर बन्ध की चार बातें लगाकर समझाइये ? प्रन १९-मे शान्ति रखता हू -इस वाक्य पर वन्ध की चार बातें लगाकर समझाइये ? प्रशन २०-यह्‌ मेरी कार है-इस वच्य पर बन्ध की चार बातें लगाकर समझाइये ? সহল २९-में अजीत कुमार शास्जी हु -इस दादय पर जन्ध को चार बाते लगाकर समझाइये ? प्रदन २२-मेंने आऑहसा का भाव किया-इस वाक्य पर खन्ध की चार बाते लगाकर समझाइये ? प्रन २३-यह्‌ मेरो हीरो की दुकान है-इस वाद्य पर बन्ध को चार बातें लगाकर समझाइये ? प्रदत रड-सै डॉक्टर हु-इस वादय पर न्ध कीचर वाते लगाकर समझाइये ? प्रन २५-मेने एक्सरे मशीन सगाई है-इस दाक्य पर वन्ध की चार बाते लगाकर समझाइये ?




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