सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय [भाग ४५] | Sampurna Gandhi Vanmaya [Part ४५]

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पाठकोको सुचना हिन्दीको जो सामग्री हमें गाधीजीके स्वाक्षरोमें भिली है, उसे अविकल रूपमे दिया गया है। किन्तु दूसरो हारा सम्पादित उनके भाषण अथवा लेख आदिमं हिज्जोंको स्पष्ट भूले सुधार दी गई है। मूल सामग्रीके बोच चौकोर कोष्ठकोमें दिये गए भग सम्पादकीय हँ । गाधीजीने किसी लेख, भाषण आदिका जो अश्न मूक रूपमे उद्धृत किया है, वह हाशिया छोड़कर गहरी स्याहीमे छापा गया है । भापणोकी परोक्ष रिपोटं तथा वै गन्द जौ गाधीजीके कहे हुए नहीं हं, विना हालिया छोड शहरी स्याहीमे छापे गये ह । भापणो गौर অন্ধ रिषोटकि उन अभोमे जो गाघीजीके नदी हं, कुर परिवर्तन किया गया है और कही-कही कुछ छोड़ भी दिया गया है। अग्रेजी और गुजरातीसे अनुवाद करते समय उसे ययासम्भव मूलके समीप रखनेका पूरा प्रयत्न किया गया है। साथ ही भाषाकों सुपाठ्य वनानेका भी पुरा ध्यान रखा गया है। जो अनुवाद हमे प्राप्त हो सके हैँ, हमने उनका उपयोग मूलसे मिलाने और समोधन करनेके वाद किया है। नामोकों सामान्य उच्चारणके अनुसार ही खिखनेकी नोतिका पान किया गया हैं। जिन नामोके उच्चारणके वारेमें संभय था, उनको वेना ही च्वि गया है जैसा ग्राधीजीने अपने गृजरात्री ऊँखोमे लिखा है। ओीप॑ककी लेखन-तिथि दाये कोनेमे ऊपर दी गई है; जहाँ वह उतलब्ध नही है, वहाँ निश्चित तिथि अनुमानसे चौकार कोप्ठकोम्में दे दी गई है और आवश्यक होने पर उसका कारण स्पप्ट कर दिया गया है। थोप॑कके अन्तमे साधन-सूत्रके साथ दी गई तिथि प्रकाशनकों है। गाधीजीकी सम्पादकौय टिप्पणियाँ और लेख, जहाँ उनकी तिथि उपलब्ध है अथवा जहां दृढ आधारपर उनका अनुमान किया जा सका है, वहां रेखन-तिथिके अनुसार और जहां ऐसा सम्भव नहीं हुआ है, वहाँ उनकी प्रकाशन- तिथिके अनुसार दिये गए हू । सम्पूर्ण गाधी वाइमयके खण्ड १ के सन्दर्भ जून १९७० के सस्करणसे सम्बन्धित है । सावन-मृत्रोम 'एस० एन० ' सकेत, सावरमती सग्रहालूय, अहमदाबादमें उपलब्ध सामग्रोका; 'जी० एन० ' ग्राधी स्मारक निधि और सग्रहालय, नई दिल्‍्लीमें उपलब्ध कागज - पत्रोका, 'सी० डब्ल्यू० ' सम्पूर्ण गांधी वाइमय (कलेक्टेड वर्कस ऑफ महात्मा गाघी) द्वारा सग्रहीत पत्रोंका तथा 'एम० एम० यू०* गाधी स्मारक निधि और सग्रहालयमें उपकृब्ध मोबाइल माइक्रोफिल्म यूनिटकी रीछोका सूचक है। मूलसे सामग्रीकी पृष्ठभूमिका परिचय देनेके लिए कुछ परिणिप्ट भी जोड दिये गये हं । अन्तम साधन-सूत्रोकी सुची भीर इस खण्डे सम्बन्वित्त कार्की तारीखवार घटनाएँ भी दी गई है।




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