लेखाशास्त्र वित्तीय विवरणों का विश्लेषण | Lekhashatra Vittya Vivrano Ka Visleshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
225
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[8] लेखाशास्त्र
बम ~ त्वरः
| 1.4. .4 प्रबंध विवेचन एवं विश्लेषण
वार्षिक प्रतिवेदनों के इस भाग में उद्योग संरचना एवं विकास का विश्लेषण ओर विवेचन, अवसर एवं
चुनौतियाँ, चालू क्रियाओं के बिंब, भावी दृष्टिकोण, व्यापारिक संवृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाले
जोखिम ओर संस्थाएँ, आंतरिक नियंत्रण तंत्र एवं इसकी प्रभावकारिता, लेखापरीक्षा समिति का गठन, प्रतिकार
समिति, अशधारक शिकायत समिति, रोजगार समिति, वित्तीय एवं प्रचालन निष्पादन, मानव संसाधन विकास
और औद्योगिक संबंध वातावरण के लिए किए गए प्रयतल, शामिल होते हैं। यह भाग अत्यंत महत्त्वपूर्ण है
क्योंकि यह न केवल उस वातावरण का जिसमें कंपनी प्रचलित हो रही हैं, परिचालन विश्लेषण उपलब्ध
कराता है अपितु उन महत्त्वपूर्ण तत्वों को भी दर्शाता है जो कि उस भावी व्यापारिक वातावरण को आकार
प्रदान करेंगें जिसमें कि कंपनी का परिचालन होता है। विषय-वस्तु का सतर्क विश्लेषण व्यक्ति को भावी
दिशा के निर्धारण में सहायता कर सकता है। हालांकि इसे अग्रावलोकन सूचना के रूप में नहीं समझा जाना
चाहिए क्योंकि इसकी अधिकतम सूचनाएं विगत अवधि से संबंधित होती हैं।
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निगमन अधिशासन में कंपनियां संचालक मंडल द्वारा इस प्रकार निर्देशित एंव नियंत्रित की जाती हैं ताकि
स्वामित्वधारक मूल्य को निगम व्यूहरचनाओं के उचित प्रारुपण द्वारा सृजित किया जा सके जिससे
भाविष्यिक संस्थाओं का निर्माण किया जाएगा। कंपनी जगत में हाल ही में घटित घटनाएँ जो कि वित्तीय
घोटालों, कंपनी अधिग्रहण हेतु संघर्षो, लेखांकन घोटलों की ओर जाती है, उस कार्यविधि की वैद्धता पर
परश्नचिन्ह लगाती है जिसके अनुसार निदेशक अंशधारकों के हित मे कार्य करते हे। विश्व भर में निदेशकों
के उत्तरदायित्वं को पारदर्शी बनाने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए गए और नियम
सुधारे गए कि निदेशक अपने हितों मे कार्य न करं बल्कि अन्य स्वामित्वधारकों के हितों का परित्याग किए
बिना अंशधारकों के हित में कार्य करं। लेखांकन के क्षत्र मे निगमन अधिशासन का केद्र विदु उचित रूप
मे प्रकटीकरण कौ रूपरेखा, अनुश्रवण, चूक ओर सुधारक तत्र जो कि प्रबधकों एवं अन्य स्वामित्वधारकों
कं लक्षयां के संतुलन को सुनिश्चित करने से संबंधित है। इस घाटे पर सेबी ने सूचीयन समझौते में संशोधन
को प्रभावित किया जहां पर खंड 49 को निगमन अधिशासन के अनुसार सूचीबद्ध कंपनियों के लिए कुछ
प्रकरीकरण करने हेतु सुनिश्चित किया गया है।
प्रकरीकरण कौ मदं निम्नलिखित है :
1. निदेशक मंडल को संरचना - उनके नाम वर्गीकरण (कार्यकारी/अकार्यकारी।नामित), अनुभव
एवं पद नाम के साथ;
ঢা
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