क्षेत्रीय भूगोल | Kshetriya Bhoogol

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Kshetriya Bhoogol by निरंजन मिश्र - Niranjan Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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संयुक्त राज्य अमेरिका शक्ति, सम्यता और समृद्धि क प्रतीक सयुक्त राज्य श्रमेरिका उत्तरी मटादीप मे उत्तर से दक्षिण वी ओर 1000 मील एवं पूर्व से परिचिम की शोर लगभग 2800 मील वी लम्बाई में फैला है। भाकार प्रकार की दृध्टि से दुनिया के इस पाँचवे बड़े देश का श्रक्षाशीय विस्तार 25* से 49 उत्तर तथा देझातरीय विस्तार 67 से 125” पश्चिमी देशातर तक है। प्रति मिनट एक मील की रफ्तार से चलने वाली रेलगाडी में अगर कोई यू०एस०ए० के एक मिरे से दूसरे सिरे त्तक जाए तो उसे लगातार दो दिन एव दो रात यात्रा करनी पडेगी । इतने विश्ञाल देश मे विभिन्‍न प्रकार के भौगोलिक वातावरणो का पाया जाना स्वाभाविक है। प्रायिक समृद्धि एवं उत्पादन की दृष्टि से वैभिन्य का गह तत्व देश के उत्थान में सहायक ही सिद्ध हुआ है। उद्योगो के लिए भारी मात्रा में कोयला, लीहा, तांवा, मैंगनीज, टिन, बॉक्साइट, मॉलबिडीन म, वैन्यः हटगस्दन, सीता, অন্ত, মীনা, चांदी, यूरेनियम एव थोरियम यहां फी भूमि,में विद्यमान हैं तो शक्ति के साधन के रूप मे पैट्रोल एवं जल शक्ति के प्रक्षय भडार हैं। ६ कृषि कार्यों के/ लिए विज्याल' उपजाऊ मैदानी भाग हैं। इसकी समृद्धि बढाने में समुद्री, प्रभाव लम्बी तटरेखा एवं प्रोत्साहक जलवायु भी कम महत्वपूर्ण तत्व नहीं है। परन्तु जितेन देशज भौतिक, विकास मे, इन प्रादृतिक वर्दानो का है उतना ही मानवीय तत्व का भी है निैने श्रषनौ दुढ् निश्चयी इच्छा शक्ति के द्वारा इन सभी प्राकृतिक वरदानो यो खोजकर (एक्सप्लोर ) उनका सदुषयोग किया । यह भमेरिकन भू-माग का सौभाग्य था कि यहाँ योरूप को सर्द- श्रेष्ठ, साहसी एव प्रेरणामय मानव द्ाक्ति ही सबसे पतसे वसने का उद्देश्य लेकर भाई 1 भ्रा प्राटतिक ससाधनो एव मानव के श्रयक प्रयासों के फलस्वरूप यह देश प्राज प्राथिक, संनिव, तकनीक, ्रौयोगिक एव वैज्ञानिक श्रादि समी दृष्टियों से विश्व पर छाया हुमा है। उसके रटन-सटन, रोति-रिवाज एव भौनिकवादी विचारधारा दिन प्रतिदिन दिद्दव के सभी भागों में तेजी से फैलतो जा रही है जिसे 'ग्रमेरिकन सम्यता' वा नाम दिया जावा है। 10वी शताब्दी अगर ब्रिटेन या यूरोप वी थी तो 20दी शताब्दी निश्चित रूप से प्रमेरिफा वी मानी जाती है। यह सब यहाँ के नियासियो की पिछली 550 वर्षों की तपस्या का फल है। इस भ्वधि मे यहाँ के निवाध्तियों ने अउते देश को इतना समृद्ध बना दिया है वि. झ्राज यहाँ भौतिकवाद अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा है। सु भौर सुविधाएँ इतने प्रधिक है कि लोग उनसे उकता चले है । बोटल्स, हिप्पी तथा अन्य प्रकार भादोलन इसी उवत्ताहट के परिचायक ह 1 भोतिदवाद वी च्ररम सीमा पर पहुँचने के वाद भव यहाँ प्राध्यात्मवाद का श्री गणेश्न हो रहा है । 15दी शताइदी वे झत्तिम दशक में कोसम्बस ने अमेरिका का पता लगाया । 16 प्तान्दौ के उत्तर्राद्ध से यहाँ उत्तरी-पश्चिमी यूरोप वे देशों से लोग भ्रावर बसो लगे जिनमे




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