जीवट के शिखर | Jiwat Ki Shikhar
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
29 MB
कुल पष्ठ :
350
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जीवट कै शिखर १५
में आग ही आग दिखायी देने कगी । डन काकपिट' की खिड़की से लटक केर
बाहर जा गिरा। उसे केवर थोडी-सी खरोचं ही गीं, जिससे वहु अपने
आप को कोसने के लिए जीवित बच गया। सह्-विमानचालक की मृत्यु
हो गयी। डन के अतिरिक्त प्रत्येक व्यविति काल-कवक्ति हो गया। एक
स्थूरकाय जर्मन भी बच गया 1
“बह बहुत ही भाग्यशाली प्रतीत होता है।”
“नहीं, बात बिल्कुल ऐसी नही है। मैं दो यात्रियों को जानता था। वे छुट्टी
मनाने के लिए समुद्र-तट पर जा रहे थे। उनमें से एक एलिस नाम की सुन्दर
लड़की थी और एक टोनी नाम का लड़का था। मै उन्हें आश्चर्यजनक व्यक्ति
समझता था तथा डेन और अन्य व्यक्ति भी उन्हें ऐसा ही समझते थे. . .
बेन अपने सिगार की ओर देखता हुआ रुक गया और उसने सावधानीपूर्वक
पुनः सिगार को दतो के बीच दबा लिया । उसने पुनः कहा- एलिस डेन की
पत्नी थी ओर टोनी उसका एक मात्र पुत्र 1
एक मिस्त्री ने छोटी-सी सिसकारी भरी और अपने हाथ पर लगे एक धब्बे
को रगड़ने लगा ।
“अतः जब डन दूसरी बार इधर से होकर गुजरे. . ... . तब इतना अवश्य
याद रखना किं वहु सदा सह-विमानचाल्क ही नहीं था ।''
९
ऋतु-कक्ष से निकलने के बाद सलीवन सीढ़ियों की एक लम्बी पंक्ति से
उतर कर नीचे आया। अन्तिम सीढ़ी पर वह अपने नेविगेटर' छियोनाड
वित्बी से रुगभगं टकरा गया ।
“माफ कीजिये, कप्तान, मुझे देर हो गयी । में सूसी के लिए एक उपहार
खरीदने में फेस गया था।*
निचय ही लियोनार्ड सूसी के लिए उपहार खरीदता रहा होगा। वह हमेशा
ऐसा करता था। लियोनार्ड विल्बी के साथ थोड़ी दूर तक उड़ान करने के
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