ठठोली | Thatholi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
82
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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रात के समय डाक्टर साहब का टेलीफ़ोंन सहसा बज ड़ठा। डाक्टर
| साद्व के एक पुराने रोगी ने.बजाया, था । रोगी बहुत परेशान था
बह चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा था--“डाक़्टर साहब, मेरी वाइफ की
तबियत बहुत खराव है। उसके अपेन्डिक्स से तकलीफ है। आप
कृपाकर जल्दी आइये ।”?
डाक्टर ने जेंभाई लेते हुए कहा--“जाओ, सो जाओ। थोड़ा
छोडा गमे पानी के साथ पिला दो । क्रल देखने आउऊँगा |”
इस पर पति महोदय और भी परेशान हुए। लगे चिल्ला-चिल्लाकर
कहने--“वबाक्नई में उसे अपेन्डिसाइटिस है । आप तुरन्त आइये |”
डाक्टर ने आश्वासन देते हुए कह्म--“डसकी अपैन्डिसाइटिस
हर्गिज्ञ नहीं हो सकती । अभी तो उसे वर्ष मेने निकाली ही थी। भला
किसी के दो दो अपैन्डिक्स भी हुआ करते है !”
पति ने कहा--“क्या कभी आपने यह नहीं सुना कि किसी के दो
पत्नियों भी हो सकती है ९”
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एक जगह एक सुन्दरी रूसी एक्टर स का स्वागतं किया गया । वों
उससे कुछ गाने की प्राथेना की गई! जव उसे सोक्रे की कोर
चीज़ समम मे न आई, वहं वोली कि मँ कुं अपनी मातृ-माषामे
कहूँगी ।
उपस्थित समण्डली की समझ मे एक शब्द भी न आया। परन्तु वे
उसके हाव-भाव और स्वर से वेहद प्रभावित हुए | तारीफ के पुल बॉध
दिये गये । विदा होते समय एक महिला ने उससे पूछा--“अच्छा,
यह् वता दो तुमने कया गाया था १” एक्ट्रोस ने जबाब दिया--“मैंने
क्रेवल एक से लेकर दो सो तीस तक की गिनती सुनाई थी, रूसी
भाषा से !”?
छठ छठ
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