निबंध नीचे | Nibandh Nichay
श्रेणी : निबंध / Essay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
370
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हरिभद्रसूरिक्ृता स्वोपज्ञटीका सहिता अनेकान्तजयपताका
৯৫
[ प्रथम भाग ]
पृ०. ६ “सर्वेशसिद्धिटीका,” पूर्वगुरुभि ८चिरन्तनवृद्ध ,
„, ८, पूरवेसुरिभि = पूर्वाचार्ये सिद्धसेनदिवाकरादिभि । हानिन्यो
मार्ग पवंगुरुमिश्च कुङ्काचार्यादिभिरस्मदरशजं चरित इति 1
» ६ स्वशास्तरेषु = (सम्मत्यादिषु) ॥
» १० निष्कलकमतय = बौद्धा ॥
» ४२. दुक्राचार्यादिचोदित प्रत्युक्त-- निराकृतम् इति सृकष्मधिया
भावनीयम् ॥ 7
2) আদ (मू०-) उक्त च वादिमुख्येन = मह्वादिना सम्म (न्य) तौ-
स्वपरेत्यादि ॥
„ १०५ (म्० च) उक्त च = घर्म॑कीतिना इति वार्षिके ॥
११६ (मू०) उक्त च वादिमुख्येन, = श्रीमह्लवादिना सम्मतौ ॥
विशेषस्तु सवंज्ञसिद्धिटीकातोऽवसेयः ॥ टीकायाम् ॥
› १३१५. उक्त च घर्मकीतिना ॥
» २०० (मू०) श्राह च न्यायवादी = घर्मकीरतिर्वातिके ।।
» २२६ (मू०) एतेन यदाह् न्यायवादौ = धर्मंकीर्तिवातिके ॥
०, ३३४. (मू०) आह च न्यायवादी = घमेकीति 1 (म्०)-व पूर्वाचार्य.
भदन्तदिन्चप्रभृतिभि ॥
„, ३३७. (म् ०) यथोक्तम्--भदन्तदिच्ेन ॥
कानुसारिणा शुभगुप्तेन ॥
» रे४७ (मू्०) उक्त च न््यायवादिना - धर्मकीतिना ॥
(म्०) यथोक्तम् = वाति-
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