राधास्वामी गप्प दर्पण [भाग 1] | Radhaswami Gappa Darpan [Part 1]
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1008 KB
कुल पष्ठ :
50
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ९७ )
सो वर्ष लिख दिये हैं परन्तु गुरू चानक का वेदोक्त
सत ह इख वातकी हसने गुरः नानक सत मणठन में
सावि कर डाला है दयाननद सिध्याथे प्रकाशमें देख
लोजिये गरू नानक विचौखलिये नहीं ये किन्त् वह्
हिन्दू घ्की रक्ाके लिये इेश्वरके अवतार थे हां राय
शलिग्राम दिचौलिया हो सक्ते हैं क्योंकि वह विद्या-
दोनों की गएप राधचरस्थाभी নজর फंसा गए हैं। संशय
विद्धान् गुरू ही से नष्ट हो सकते परन्त॒ লালু खुद ला-
लयभ ये उ से दूसरों के संशय भो नष्ट नद्दीं कर
सक्तयें ग्रंपक्ती आरतो उतारने और द्रड वत् करनेसे पर-
सात्सर ही का सत्कार होता है फ्योंक्ति परत्मासा
थ से भी व्यापक है ग्रन्थका पाठ करने से घमत्मा
लोग दक्षिणा भी दे जाते हैं सनिर्मेले उद्रसी वगेरः प-
गिदतोंसे पढ़कर दोषो नहों ही सकते किन्तु पढ़कर
विद्वान् हो जाते हैं बावू भो पश्िडतोंसे पढ़ लेते तो
सालबकक्कह कभो न रहते ग्रंथ पढ़कर त्रह्मज्ञान द्वारा
सक्तिका लाभ भी हो सकता है उसोसे ग्रंथ भो गुरु हो
सकता । किन्नू राचास्वाली को रची पोधी ए० ३०पं०३
বিজখয দীঘী वात्तिक भा० २ ए० ४६ पं०९ वो से और
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BALRAM PARMAR let's classical
at 2020-09-26 13:52:25