राधास्वामी गप्प दर्पण [भाग 1] | Radhaswami Gappa Darpan [Part 1]

11/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Radhaswami Gappa Darpan [Part 1] by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( ९७ ) सो वर्ष लिख दिये हैं परन्तु गुरू चानक का वेदोक्त सत ह इख वातकी हसने गुरः नानक सत मणठन में सावि कर डाला है दयाननद सिध्याथे प्रकाशमें देख लोजिये गरू नानक विचौखलिये नहीं ये किन्त्‌ वह्‌ हिन्दू घ्की रक्ाके लिये इेश्वरके अवतार थे हां राय शलिग्राम दिचौलिया हो सक्ते हैं क्योंकि वह विद्या- दोनों की गएप राधचरस्थाभी নজর फंसा गए हैं। संशय विद्धान्‌ गुरू ही से नष्ट हो सकते परन्त॒ লালু खुद ला- लयभ ये उ से दूसरों के संशय भो नष्ट नद्दीं कर सक्तयें ग्रंपक्ती आरतो उतारने और द्रड वत्‌ करनेसे पर- सात्सर ही का सत्कार होता है फ्योंक्ति परत्मासा थ से भी व्यापक है ग्रन्थका पाठ करने से घमत्मा लोग दक्षिणा भी दे जाते हैं सनिर्मेले उद्रसी वगेरः प- गिदतोंसे पढ़कर दोषो नहों ही सकते किन्तु पढ़कर विद्वान्‌ हो जाते हैं बावू भो पश्िडतोंसे पढ़ लेते तो सालबकक्कह कभो न रहते ग्रंथ पढ़कर त्रह्मज्ञान द्वारा सक्तिका लाभ भी हो सकता है उसोसे ग्रंथ भो गुरु हो सकता । किन्नू राचास्वाली को रची पोधी ए० ३०पं०३ বিজখয দীঘী वात्तिक भा० २ ए० ४६ पं०९ वो से और




User Reviews

  • BALRAM PARMAR let's classical

    at 2020-09-26 13:52:25
    Rated : 1 out of 10 stars.
    कृपया पुस्तक के लेखक के बारे मे आवश्यक रूप से दर्शाये बिना लेखक के नाम से पुस्तक पड़ना व्यर्थ हैं !
Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now