खादी की कहानी | Khadi Ki Kahani

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Khadi Ki Kahani by बैकुंठ लाल मेहता - Bekunth Lal Mehta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(न) आम. तौर- पर यह लगेगा कि एक कपड्ठा वेचनेवाछे को विभिन्‍न प्रान्तों के सिवा শিকারী रीरि गरन का: अध्ययन करने की क्या जरूरत हू? लेकिन भ्री ऊराजाणी ने तंयार सिले हुए कपड़े. वेचने'के: संबंध: में यह “सच कुछ जान लिया है । वे मद्रास, बंगाल पंजाब- तुध्रा अन्य प्रान्तो कै रहने: बालों के पदनावे और उनके अलग-अलग नाम के अछम्नवानी याद रखते हैँ । वे ऐसी अनेक बुरी बातें इस विषय में जोसकर “सम्नझाते- हैं जिनकी कल्पना भी»नहीं की सकती । मुझे यह জীন लग गया हैं कि टस, त्रदं फा सामीन्य ঘ্রান सव खादी-विद्यार्थियों को मिल - सके तो कितना অনি श्री जेराजाणी चन्द्र दिनों में ही यहां से भाग जाईदेंगे। इसलिए जब तक वशे तव तक उनके पास से जितना भी छटा ज्ञा सके জুন ভা সি प्रयत्न भें करता रहूँगा । ऐने अनुभवियों द्वारा बढ़ें परिश्रम से प्राप्त अनुभवों ही कद दर्म उनके गुजर जने के वाद्‌ दही सुञ्चती रे, यद केसी विचित्र बात है । .. मुरब्बी मगन काका मरे तव जितना दुःख हुआ था उससे कहीं अधिक दुभ्च उनकी मृत्यु से त्र हुआ जब मैंने बुनाई काम को पकड़ा । पगपग पर उनकी सादे अनि छगी । जब तक वे हयात रहे तव तक बहुत अधिक मेहनत करफे उन्होंने जो हापिल कर लिया था उसकी ओर दृष्टि करने का भी मन न हुआ । भव उनके जाने पर हमें ज्ञान होता है कि हमने अपना कितना नुछसान का लिया । लोग बनावटी खादी के नमृने परीक्षा के लिए मेजते ही रहते हैं । लेकिन उनकी सच्ची परीक्षा कर सकनेवाला अव कोई नहीं । मुरब्बी मगन काका ने दस काम का जो ज्ञान प्राप्त कर लिया था वह उन्दी के साथ चला गवा । उनके द्वारा - रीक्षन किये हुए कुछ नमूने पद्ने हैं। इसके सिवाय उनके ज्ञान का कुछ হী লাম आज खादी, काम को प्राप्य नहीं हैं। इसी त्तह की अनेक वस्तुएं जब मुप मञ्चती थीं तभी भं पठता कर रद जाता धा। अव खादी के লিন্ন-লিনন अनुभे- * वियों के पास से जो कुछ मी प्राप्त हो उसे लेने की ओर मेरी दृष्टि रहती है ॥ इस पतन्न की नकछ वायू ने जेराजाणी को भेजते हुए यों लिखा था : নয तकल इस गरज से भेज रहा हूं कि तुम खादी-विकी शास्त्र की एक पुलक नदा करो जैसा मगनलाल ने चबरखा शात्त्र” तैयार किया धा 1” इससे प्रेरित होकर उन्होंने पुस्तक लिखने की कुछ सामप्री १कइठा की और उस सव शठो लेकर माथेरान चछे गये। और वहां शांति से क्षमय निकाल कर उन्होंने कुछ लेख लिख लिये । वे लेख उन्होंने एक मिन्न को पढ़ जाने के लिए नेत्ने ठेकिन सत्याग्रह की लडाई के सिलसिले में उन मित्र के घर पर पुलिस ने छापा वाग भौर अन्य कागजात के साथ वे छेख मी गुम हो गये। उसे-तसे বৰ; তন, হি




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