पउमचरिउ भाग 2 | Paumachriu Bhag 2
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
386
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ष पडमथरिड
चत्ता
तो वोहिजइ दसरहेंग “दुरयर-णिवारिय-रवियरहेँ ।
रहु वाहेंवि तहिँ णेहि पियएँ धय-दत्तहं जेत्यु णिरन्तरईँ ॥ ६ ॥
[ক]
ते णिसुणवि परिओोसिय-जणएं । वाहिउ रहबरु पिहुसिरि-तणएं 1 १ 1)
तेण वि सरहिं परज्िड साहणु 1 भगु स-हेमप्पहु हरिवादणु ।॥ २ ॥
परिणिय क्कइ दिण्णु महा-वरु ॥ चवइ अउज्मापुर - परमेसरु॥ ६ ॥
अुन््दीरे मग्यु मग्यु जे रुचदों । सुहमइ-सुयएऐँ णर्वेष्पिणु दुछद।॥ ४ ॥
(देण्णु देव पईँ मग्गमि जइयहूँ । णियय-सच्चु पाछिजजइ तहयहेुँ”।| ५ ॥
एम चमन्तद्रै घण-कण-संकुल । थियहूँ थे वि छुरें कडतुफमड्ल 11 ६ ॥॥
चहु ~ वासरं अरउज् पदं 1 सद-वासव दव रने वदद ॥ ७॥
सयक-कला - कछाव ~ संपण्णा 1 तताम चयारि दुत्त उप्पण्णा ॥ म ॥
घत्ता
रामचन्दु अपरजियदें सोमित्ति सुमित्तिहँ एक्कुं जणु ।
भरहु घरन्थरु केंकइहें सुप्पददें पुत्त पुणु सत्तदण ॥ ३ 11
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णय चयारि पुच् तदो रायहों। णाईँ सद्दा- समुह महि-भायहोँ 11 १ ७
णाईं दुन्त गिव्याण - गइन््द॒हों। णाईं मणोरद सजण-बिन्दहों॥ २७
जणड वि मिहिखा-णयरं पदद्रड 1 समड विदेहः रने गिविदटटर ५३.11
वाँ विहि मि वर-विकम-वौयड १ भामण्डलु उष्पण्णु स-सीयड ॥ ४!
पुन्व-चइरू संभरेंवि अ - खेवें | दादिण सेढि दरेंवि णिड देवें 1 ७ 0
तहिं रदणेडरचदवार - पुरे । वहल-धवल-छुद्द - पह्मापण्डरें ॥ ६ ॥
खन्दगइहें चन्दर - बयणहों । णन्दणवण-समी्ये तदोँ सयणदों 11 ७
धत्तिड पिन्नलेण.. अमरिन्दें । पुष्फवइहं अज्लविड णरिन्दें 1 ८1
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