मिलन - मंदिर | Milan Mandir
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
320
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १२ )
ক ॐ क कर क क বা
पांचकाड़ी ने बड़े भाई से कदहा--“कुछ উজ ই!
जरतीशचन्द्र--“ हँ--क््यों” ?
दीजिए রখ
पांचकोड़ी--दो पैसे दे दीजिए”
जतीशचन्द्र-- कया करोगे” ?
पाचकोड़ी-- दीजिए तो”
जताशचन्द्र ने जेब से न्िक्राल कर दिये ।
दसा समय घदा बजा। गाड़ी न सीटी दी। इसके জাল
भक २ करके धुआं छोड़ती हुईं चल दी |
पाचकोड़ी ने दो पेसे की मिठाई लेकर शचीश को दी और-
उसके साथ वाते करता इमा घरकी ओर चत्र दिया ।
৬২ परिच्छेद
चोथा परिच्छेद ।
৪০৪৮
शोहर ज़िलेसें शोनपूर नामक एक छोटा सा कसवा
ह । इस कृसवे म राय--वङा पुराना तथा माननयि
নু ই । जख कारण से बड़मल के बहुत से एराने
बश निधन तथा हीन होगये, उसी कारण से राय--बंश
क्म अवस्था भी হল হী বাই | वह कारण ड
सुकृददमाबाजी । थोड़ी भूमि के ऊपर ज़िमीदारों के
साथ हाइकोर्ट तक लड़ते लड़ते यदनाथ राय ऋस
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