दशाश्रुतस्कन्धसूत्रं | Dasha Shrut Skandh Sutram
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
598
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(७)
५
की पड़ी लगन है | सेयामाय इतना
उच्च है कि निर्वन से निर्वन व्यक्ति
के यहा भी कोर्ट छोटे से छोटा फाम
हो तो भाग फर जाते है । अपन हम
६ सहायक हो गए]
इम पर्प हमारे सर्ममाननीय उपा-
ध्याय जी महाराज का चातुर्मास
रायलपिण्डी शहर में हुआ | वहा
सिए छुके उनके दशनो का साभाण्य
ग्राप्त हुआ । फलुत' शेप दो सहा-
यक हमारे और पढे | एक लाला
तेजेशाह जी मालिक फर्म लाला
বলার হত বল্ল) লজ) লক্ষ
वा क्लाथ मचेण्ट, रावरूपिण्डी ।
न 11
॥ 11 ॥
श्रीमान् ल्लाला राचीयाह जी
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जूं॥। 11 1 1॥ 11 1॥ 1॥ 1॥ 1 111॥11॥॥ ॥॥!॥॥ हैं
श्रीमान् छाला तेजेशाह जी
दूमरे लाला रोचीशाह जी मालिक
फर्म लाला फन्हेयाशाह रोचीणाह जी
जेन, छाथ मर्चेण्ट, रायलपिण्डी ।
मे इन दोनो सज्जनो की करो तफ
प्रशंसा फरूँ। आपकी शाखश्द्धा,
उपाध्याय जी महाराज के সবি
अनन्य भक्ति जार ज्ञानदान मे उदार-
हृदयता देखकर मेरा ত্য गद्गदू
हो गया। मन-ही-मन ग्रफुछित होता
आर भगान् फो राख राख धन्य-
वाद देता | इन सज्ञनों ने केयल
हसी धर्म कार्य मे दी पने हृदय की
पिश्ञालता का परिचय नहीं दिया
फिन््तु इनके यशस्प्री हाथो से अनेक
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