श्री राधा - माधव - चिन्तन | Shri Radha - Madhav - Chintan
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
684
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
He was great saint.He was co-founder Of GEETAPRESS Gorakhpur. Once He got Darshan of a Himalayan saint, who directed him to re stablish vadik sahitya. From that day he worked towards stablish Geeta press.
He was real vaishnava ,Great devoty of Sri Radha Krishna.
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १५ )
+ पृष्ठसंख्या
१४८-गरेमीके काम-कोधादिके पाच--प्रियतम भगवान् - ˆ ४८३
१५-भगवस्येमकी पराक्िके साधन = **- ४९०
१६-मगवत्मेमकी अमिलापा নও ४३४ ৯৫
१७-भगवत्पेमकी प्राप्तिकः साधन--उत्कट चाह *** ४९३
१८-भगवद्विरहकी दुरम खिति ४ °. ५९६
१९-ग्रेसीकी तल्खीनता *** ~“ ক
२०-प्रियतमका नित्य स्मरण *** ००० ००. ५००
२१-भगवक्कपासे ही भगवत्येमकी प्रात्ति `` -** ५०२
२ र्-परेममे बिपय-वैराग्यकी अनिवार्यता हो --* ५०४
२३-प्रियतमकी प्राप्ति कण्टकाकीर्ण सार्गसे ही होती है. ._ *** ५०६
२४-प्रेम और নিঘি-নিদঘ ** *** ७०९
२५-बिखरे सुमन নি, तय... हल -* ५११
२६-प्रेम-एकादशी ( पद्च ) “*' कर *** ५२३
२७-प्रेमका नेम ( पथ्च ) ˆ টি * ५२४
श्षीगापाडता হলি চা জি ( ५६५५-६०8 )
१-उन्दना ( पच ) *** श * ५२५
२-मोक्ष-खंन्यासिनी गोप्यो ` * রি - * ५२६
३-गोपी-प्रेस ०९ ००१ *** ५३९
४-गोपीदयमे प्रम-समृद्र ` ˆ এ *** ५७३
५-गोपी-प्रेमकी सहिसा._ *** शी * ६७५
६-गोपियोंके श्रीकृष्ण. !* টা **० ७७७
७-श्रीगोपाज्ञनाओंकी महत्ता' ' कि *** ५७८
<-गोपीमावकी साधना ` र *** ५८१
९-गोपीमावकी प्राप्ति. ই *** ५९५
१०-साधकका सिद्धदेह `“ श्र ** ५९७
११-सिद्ध सखीदेह पे के *** ६०१
१९-गोपीत्रेमकी साधना ओर विद्धि ( प्च ) ` * * ६०१
१३-गोपियोंकी महिसा ( पद्म ) बे *** ६०४
ध्रक्ीर्ण ५५५ ००१ ५०१ ( ६०५-द४७ )
१-प्राथेना ( पद्य ) र न “> ६०५
-एक कृशघ्रसीके पचक उत्तर ( पद्य) *** ६०६
আজ শি নস ও সপ পি পাস
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