सम्पूर्ण गांधी वाड्मय भाग - 34 | Sampurn Gandhi Vadmay Bhag - 34

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Sampurn Gandhi Vadmay Bhag - 34 by गाँधीजी - Gandhiji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पाठकोको सुचना दिन्दीकी जौ सामग्री गांधीजीके स्वाक्षरोमें मिरी है उसे अविककू रूपम दिया गया है। किन्तु दूसरों द्वारा सम्पादित उनके माषण अथवा लेख आदियें हिज्जोंकी स्पष्ट भूछोंकों सुधारकर दिया गया है। अंग्रेजी और गुजरातीसे अनुवाद करनेमें अनुवादकों मूलके समीप रखनेका पूरा प्रयत्व किया गया है, किन्तु साथ ही माषा सुपाठ्य बनानेका भी पूरा ध्यान रखा गया है। छापेकी स्पष्ट भूलें सुधारनेंके बाद अनुवाद किया गया है। और मूलमें प्रयुक्त दब्दोंके संक्षिप्त रूप यथासम्भव पूरे करके दिये गये है। नामोकों सामान्य उच्चारणके अनुसार ही लिखनेकी नीतिका पालत किया गया है। जिन नामोंके उच्चारणमें संशय था उनको वैसा ही लिश्षा गया है जैसा ग्रांधीजीने अपने गुजराती छेखोंमें लिखा है। मूक सामग्रीके चौकोर कोष्ठकोर्मे दी गई सामग्री सम्पादकीय है। गांधीजीने किसी लेख, माषण आदिका जो अंश मूल रूपमें उद्धृत किया है, वह हाशिया छोड़कर गहरी स्याहीमें छापा गया है, छेकित यदि कोई ऐसा अंश उन्होंवे अनूदित करके दिया है तो उसका हिन्दी अनुवाद हाशिया छोड़कर साधारण ठाइपमें छापा गया है। भाषण- की परोक्ष रिपोर्ट तथा वे शब्द जो गांधीजीके कहे हुए नहीं है, बिना हाशिया छोड़े गहरी स्याहीमे छपे शये ह । भाषणों भौर भैटकी रिपोटेकि उन अंशोमे जो गाघीजीके नही है कुछ परिवर्तन किया गया है और कही-कही कुछ छोड़ दिया गया है । शीर्षककी लेखन-तिथि जहाँ उपलब्ध है वहाँ दायें कोनेमें ऊपर दे दी गई है। परन्तु जहाँ वह उपलब्ध नही है वहाँ उसकी पूर्ति अनुमानसे चौकोर कोष्ठकोंमें की गई हैं। और आवश्यक होनेपर उसका कारण स्पष्ट कर दिया गया है! जिनं पत्रों केवल मास या वर्षका उल्लेश् है उन्हें आवश्यकतानुसार मास या वर्षके अन्तमें रखा गया है। श्लीषकके अन्तमें साधव-सूत्रकें साथ दी गई तिथि प्रकाशनकी है। गांघीजी की सम्पादकीय टिप्पणियाँ और छेख, जहाँ उनकी लेखन-तिथि उपलब्ध है अथवा जहाँ किसी दृढ भाधारपर उसका अनुमानं किथा जा सका है, वहाँ लेखन-तिथिके अनुसार भौर जहाँ ऐसा सम्भव नहीं हुआ है वहाँ उनकी 'प्रकाश्न' तिथिके अनुसार दिये गये है। साधन-सृत्रोमें' एस० एत० संकेत सावरमती संग्रहालय, अहमदाबादमें उपलब्ध सामग्रीका, जी० एन० ' गांधी स्मारक निधि और संग्रहालय, नई दिल्‍्लीमें उपलब्ध कागज-पत्रोका और सी० डब्ल्यू० ' सम्पूर्ण गांधी वाहुमय (कलेक्टेड वर्स ऑफ महात्मा गांघी) हाय संगृहीत पत्रोंका सूचक है। ' सत्यता प्रयोगो अथवा आत्मकथा” और “दक्षिण आफ्रिकाता सत्याग्रहनो इति- हास ' के अनेक संस्करण होचेसे उतको पृष्ठ-संख्याएँ भिन्न है; इसलिए हवाला देनेमें केवछ उनके भाग और अध्यायका ही उल्लेख किया गया है। सामग्रीकी पृष्ठभूमि देनेके लिए मूलसे सम्बद्ध कुछ परिशिष्ट भी दिये गे ह । अन्ते साधन-सूत्रोंकी सूची और इस खण्डसे सम्बन्धित कालकी तारीखवार घटनाएँ दी गई हैं।




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