जैनधर्म प्रकाश | Jaindharm Prakash
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
278
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ड )
मुसलमानों ने भी मांसाद्ार का निषेध कावेकी पवित्र
भूमिके लिये तो अवश्यही किया है। क्योंकि उनकी पवित्र जगह
मक्का में जो कोई जाता है उसे मांस नहीं खाना होता है)
जैनियो के आचरण का इतना महत्व है कि सरकारी जेल की
रिपोर्टौमिं रसत दर्ज सच ज्ञातियों से कम जैन अ्रपराधी हैं |
सन् १८६९१ की बम्बई प्रान्त क्री जेल रिपोर शस तरह है -
घमं | कुल आबादी नेक कैदी किनने पीछे एक
न्द् १४६५७१७६ | &७१४ | १५०६ मं से एक
मुसलमान | २५०१९१० | ५७६४ | ४०४ में से एक
ईसाई १५२८७६५ | ३३३ | ४७७ में से एक
पारसी ७३९४५ २६ | २४४६ में से एक
यहूदी &६३६ २१० | ४६ में से एक
जैनी २७००४३६ ३६ | ६१७५ में से एक
सन् १६२०, १६२२, १६२३ के कैदियों का ब्यौरा नीचे
प्रकार & ३०७७
1 |
^ এডি 7 0 १६२० १६२२ १६२३
हिन्दू ११२५४ हण्ट् ८१३४
मुसलमान ७२२७२ ६६२२ ७२०५
ईसाई 2३६७ २७५ ३२०
जनी ५१ ३४ २
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