गांधी - साहित्य दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह | Gandhi - Sahitiya Dakshin Afrika Ka Satyagrah

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Gandhi - Sahitiya Dakshin Afrika Ka Satyagrah  by मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्र दक्षिण अफ्रीकाका सत्याग्रह গাল खण्ड 1 ९ कक বৃত্ত अफ्रोका द्नियाके वट-से-वड भखडोममे एक हं । हिदस्तान भौ एक भखडके वरावर विस्तारवाला देश माना जाता पर महज रकवेको दण्टिसे देखे तो अफ्रीकार्म चार या पाच हिदस्तान समा जाएगें। दक्षिण अफ्रीका अफ्रीकाका ठेठ दक्षिणी भाग हु । हिदुस्तानकी तनरह अफ्रीका भी प्रायद्वीप हु । अत दक्षिण अफ्रीफाका बडा हिस्सा समद्रसे ्मुद्रमे घिरा हआ है । अफ्रीकार्क बारेमे थाम सयाल यह हैं धि 1 ज्यादा-से-ज्यादा गरमी पडती हैं और एक दइप्टिसे অন वात मही भी दह्‌ । भूमन्यरेखा अफ्रीकाके वीचने होकर गुजरती गौर इम रेपाकं आसपासको गरमीका जदाजा हिदुस्तानके रहनेवाखोको नही हौ सक्ना। हिदुस्तानऊे ठेठ दक्षिणमे जिम गरमीका अन्‌भव हम वरते हं उनसे भमध्यरंपाके पासकी गरमीका कुछ अदाजा क्रिया या सकता । पर दभ्षिण अफ्रीकामे वसो गरमी विकल नही, क्योकि फ्रीकागा यह भाग भमव्यरेयासे छहत ভুল हैं । उसके बडे भागकी आव-हवा तो उतनी सदर और ऐसी मोतदि कि वहा यरोवकी জালিনা লাল ছল লনা सकती हे। हिंद स्‍्तानमें बसना उनके लिए नाममकिन-सा 2३ । उसके सित्रा




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