सम्पूर्ण गांधी वाड्न्मय भाग 10 | Sampuran Gandhi Vangmay Bhag 10

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sampuran Gandhi Vangmay Bhag 10 by मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )

Add Infomation AboutMohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पाठकोंको सूचना विभिन्न अधिकारियोंकों लिखें गये प्रार्थनापत्र और निवेदन, अखवारोंको भेजे गये पत्र गौर सभागोमें स्वीकृत प्रस्ताव, जो इस खण्डमें सम्मिलित किये गये हैं उनको गांधीजीका लिखा माननेके कारण वे ही हैं जिनका हवाला खण्ड १ की भूमिकार्में दिया जा चुका है। जहाँ किसी लेखकों सम्मिलित करनेके विशेष कारण हैं, वहाँ वे पाद- टिप्पणीमें बता दिये गये हैं। 'इन्डियन ओपिनियन ' में प्रकाशित गांवीजीके वे छेख, जो लेखकका नाम दिये विना छापे गये हैं, उनके आत्मकथा सम्बधी लेखोंकी सामान्य साक्षी, उनके सहयोगी श्री छगनछाल गांवी भौर श्री एच० एस० एल० पोलककी संम्मति तथा अन्य उपलब्ध प्रमाणोंके आधारपर पहचाने गये हैं । अंग्रेजीसी और गुजरातीसे अनुवाद करनेमें अनुवादकों मूलके समीप रखनेका पूरा प्रयत्त किया गया हैं किन्तु साथ ही अनुवादकी भाषा सुपाठ्य बनानेका भी पूरा ध्यान रखा गया है। अनुवाद छापेकी स्पष्ट भूलें सुधारनेके वाद किया ग्रया है और मूलमें प्रयुक्त शब्दोंके संक्षिप्त-हप यथासम्भव पूरे करके दिये गये हैं। यह घ्यान रखा गया है कि नामोंको सामान्यतः जैसा बोला जाता है वैसा ही लिखा जाये। जिन नामोंके उच्चारण सन्दिग्य हैं उनको वैसा ही लिखा गया है, जैसा गांवीजीने अपने गुजराती लेखोंमें ल्खि है। मूल सामग्रीके वीचमे चौकोर कोप्ठकोमें दी गई सामग्री सम्पादकीय है। गांधीजीने किसी लेख, भापण, वक्तव्य मादिका जो मंशा मूल रूपमें उद्धत किया है, वह हाशिया छोड़कर गहरी स्याहीमें छापा गया है, लेकिन यदि ऐसा कोई अंश उन्होंने अनूदित करके दिया है तो उसका हिन्दी अनुवाद हाशिया छोड़कर साधारण टाइपमें छापा गया है। भाषणोंकी परोक्ष रिपोर्ट, न्‍्यायालयोंकी कार्यवाहियाँ तथा वे शब्द, जो गांवीजीके कहे हुए नहीं है, बिना हाशिया छोड़ें गहरी स्याहीमें छापे गये हैं। शीपंककी लेखन-तिथि जहाँ उपलब्ध है वहाँ दायें कोनेमे ऊपर दे दी गई है; परन्तु जहां वह उपलब्ध नहीं है वहां उसकी पूति अनुमानसे चौकोर कोप्ठपर्मे की गई हैं और जहाँ आवश्यक हुआ है उसका कारण स्पष्ट कर दिया गया है। शीर्पकके अन्तमें सूत्रके साथ दी गई तिथि प्रकादानकी है। 'सत्यना प्रयोगो अथवा आत्मकथा” और “दक्षिण आफिकाना सत्याग्रहनों शतिहास ' के अनेक संस्करण होनेसे उनकी पृष्ठ संख्याएँ विभिन्‍न हे; इसलिए हवाला देनेमें केवल उनके भाग और अध्यायका ही उल्लेस किया गया है। सावन-सूत्रोंमे एस० एन० संकेत सावरमती संग्रहालय, अहमदाबादमें उपलब्ध सामग्रीका, जी० एन० गांधी स्मारक निधि शोर संग्रहालय, नई दिल्लीमें उपलब्ध पागज-प्रोका सीर सी० टवल्यू०, बलेक्टेंड दवस ऑफ महात्मा गांधी ( सम्पूर्ण गांधी वबाइमय ) द्वारा संगृहीत पत्नोंका सूचक है।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now