जैन तत्त्व शोधक ग्रंथ | Jain Tattva Shodak Granth
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ४ )
अजीव तत्व के दो मेद - ।
(१) रूपी अजीब (२) अरूपी अजीब |
इनके पांच भेद निम्न हैं :---
(१) धर्मास्तिकाय (२) अधर्मा स्तिकाय (३ ) आकालास्तिकाय
(४) कारास्तिकाय एवं (५) पुद्गलास्तिकाय ।
उत्तर भेद अजीब तत्व के १४ भेद यतलाये हैं -
[१] षर्मास्िकाय [२] अधर्मास्तिकाय [३] मकास्तिकाय
इन तीनों के तीन तीन भेद होते हैं --
[१] स्कन्ध [२] देश [३] प्रदेश । इन तीनों से तीन बार
गुणा करने पर नौ भेद हुए और काल द्रव्य मिलकर दस
भेद हुए । इनमें पुद्गलास्तिकाय कै स्कन्ध, देश, प्रदेश
ओर परमाणु पुद्गल मिलने पर चौदह भेद हुए ।
टिप्पणी-अथवा इनको निम्न प्रकार से भी समझा जा सकता हे
अजीब के दो भेद :-[१] रूपी अजीब [२] अरूपी अजीव
रूपी अजीव के चार भेद' ८ रूपी का पर्याय
1 य पुद्गल
होता है अतः उपयु क्त विवरण में रूपी अजीव को पुद्गला-
स्तिकाय में लिया है । )
[१] स्कंध [२] देश [३] प्रदेश एवं [४] परमाणुपृद्गल |
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