ठीकमगढ़ तथा छतरपुर जिले में संविधान की धारा 45 के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा के लोकव्यापीकरण की दिशा में किए गए शासकीय प्रयासों एवं प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन | Teekamgarh Tatha Chhatarapur Jile Men Samvidhan Ki Dhara 45 Ke Antargat Prathamik Shixa Ke Lokavyapikaran Ki Disha Men Kie Gae Shasakiy Prayason Evm Prabhavon Ka Tulanatmak Adhyayan

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Teekamgarh Tatha Chhatarapur Jile Men Samvidhan Ki Dhara 45 Ke Antargat Prathamik Shixa Ke Lokavyapikaran Ki Disha Men Kie Gae Shasakiy Prayason Evm Prabhavon Ka Tulanatmak Adhyayan  by अर्चना अग्रवाल - Archana Agrawal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लोक व्यापीकरण की अवधारणा :- प्राथमिक शिक्षा कं लोकव्यापीकरण का अर्थ है - हर बालिका ओर बालक अधिक से अधिक 14 वर्ष तक की आयु तक कम से कम पॉच वर्ष की प्राथमिक शिक्षाया ओपचारिकेत्तर माध्यम से उसका समतुल्य शिक्षा प्राप्त करं ओर निर्धारित शैक्षिक स्तर भी अर्जित करें लोकव्यापीकरण के मुख्य लक्ष्य निम्न है| 1. 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बालक-बालिकाओं को विद्यालय में प्रवेश देना तथा निर्धारित अवधि तक उनका अध्ययन जारी रखना | 2. शिक्षा के स्तर में वांछित सुधार करना | 3. प्राथमिक विद्यालयों की स्थितियों में सुधार तथा आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति | 4. प्राथमिक शिक्षा मं गुणात्मक सुधार करना प्रयास टीकमगढ़ तथा छतरपुर जिले में प्राथमिक शिक्षा के लोकव्यापीकरण की दिशा में किये जाने वाले ऐसे कार्य जो उसके उपरोक्त लक्ष्य को पा सके, जैसा की प्रत्येक ` बालक-बालिकाओं को प्राथमिक स्तर की शिक्षा हेतु विद्यालय की संख्यात्मक वृद्धि, | शिक्षकों की नियुक्ति भौतिक संसाधनों की उपलब्धता, छात्रों का अधिकतम नामांकन हेतु प्रयत्न किया जाना सम्मिलित हैँ 1. निर्धारित दूरी के अन्तर्गत अधिक से अधिक विद्यालय खोलना। 2. आवश्यकतानुसार शिक्षकों की नियुक्ति 3. विद्यालयों को शैक्षिक प्रक्रिया कं संचालन हेतु भौतिक सुविधा प्रदान करना । 4. इन विद्यालयों में छात्रं का अधिकतम्‌ नामांकन करना 5. शाला त्यागने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना। 6. छात्रों को विद्यालय मे निर्धारित समय तक अध्ययन हेतु विभिन्न प्रोत्साहन एवं | प्ररणा प्रदान करना। | 7. प्राथमिक स्तर के निर्धारित ज्ञान एवं कौशल हेतु विभिन्न विषयं (भाषा, गणित पर्यावरणविज्ञान) मेँ न्यूनतम अधिगम स्तर कं आधार पर शिक्षित करना |




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