अलंकार | Alankaar
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
58 MB
कुल पष्ठ :
632
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)গজ;
हमारा यह विचार निराधार नहीं है ।
कर-आन की भन््तः सात्ति यह बतलौ-
ती है कि वह ऋग्वेद की एक शाखा
है, और ऋग्वेदी आचाय के पऋचाओं
के विशेष संग्रह, या उपदिष्ट भाग
पर एक व्याल्या है | ऋषि दयानन्द
डीक लिखगये है कि बेदौ को शाखाएँँ
बडुत सर लुप्त होगयी है ओर वे शा-
खाये खतः भिन्न शिन्न देद नहीं प्रत्युत्
येद् के व्यय्ूख्यान मात्र हैं। यह
आरी निःसंदेह सत्य है कि व्याख्यान
था भाष्य या शाखाएं खनतः प्रमाण
नहीं होतीं उनका प्रामासय परम्परागत
है ओर वेदानुकूल भाग का ही प्रामा-
श्य होता है ।
अब कुर-आन को रचना पर
विचार की जियेः-+-
कुर-आान में निमूलिखित विभाग
सूचक शब्द हैं ( ) सूरत ( २ ) पारा
या सिपारा (३) आयत ( ४ ) कुफा
(५ ) मंजिल-शन शब्दों पर विचार
क्तेजिये--
२-ख रत--सरत का अर्थ 8 10०४७
दंक्ति, क आर, 5८००1९-, माला है-वेद में
ल्तक्तों का क्रम है|
२-पारा-ये वेद भगवान के रषा
ठक' का अनुकरण है । हरुतलिखित
चेद सहिताओं में प्रत्येक पृष्ठं पर
प्रपाठक का चिन्ह 'प्र०' लिखा रहता
था | उसी को देख कर अरब वासियों
ने धर्म अन्थ के एक भाग का नाम
पर” ( पारा ) रखदिया |
३-आयत--यह वेद के मन्त्रों का
प्रतिनिधि है। वैदिक साहिए्य मेवे
वेद ओर कुर-आन
शिक क कि क कह लि आर हरि आपको क दो र करद ক प परे ह भ ॐ ध 7 ध রা ররর রই ও ও রাই বা কউ ট্রি নন क টা कि
१५
খা টা বনিং খাইবার
ऋषि ओ मन्त्रा कां साक्तात् ज्ञान
पूर्वक दर्शन करते थे उन के विषय
में लिखा जाता था 'स ऋषिरिमान्या-
यातयामानि अपश्यत्'। उस ऋषि
मे अमुक श्रमुक आयातयाम देखे।
जो 'मन्च' शान रूप से ऋषियों के
यस्लक्र में अशित होते थे उनको
अ्यावयाम कहते थे। उसो कां
शाश्च आयात या आश्त ऋूरआंन
में अब तक पाया जाता है।
अपने आ्राध्यात्मिक गुरु का उपदेश
सुनकर मुहम्मद भी चिचार पूर्वक वेद
के मन्त्रों के अर्थ देखता था और उनको
अपनी भाष। मे खड़ी प्रबल श्रद्धा से
कहां करता था। वह अ्रपने ग्रुरु के
उपदेश वे अरबी में कहंता था।
परन्तु मूल भ्रन्थ उसका अवश्य किसी
अन्य प्राँ्नीन वेदिक भाषा में था
अरबी में नहीं था-ऐसा प्रतीत
होता है 4
कुरान के सर-प-खुज्ञरफ् ( स्०
५३ ) मे लिखा हेंः--हमने इसे ( कुरान
को ) अर्बी में बनाया है ताकि तुम
समझो ( २) और यह हमारे यहाँ
असल किताब में बड़े पाये की
किताब है । ( ३) तो क्या इस वजह
से कि तुम लोग हुद्द से बाहर होगये हो
हम बेवकस्लुफ हो कर शिक्षा करना
छोड़ देग (७ ) ( देखो हिन्दों कुरान
पूृ० ४८७ अनुवादक रघुनाथभ्रसाद्
मिश्र इटावा )
লাগায় सेल का अनुधाद दसं
प्रकार हैः -
4০5৩ 1১৮৮6 0:0811)60 8055 5820৩ 2
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