सयाजी चरितामृत | Sayaji Charitamarit
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
214
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)११
भाषा में यह पहिला ही पुस्तक है निम्त में हिन्दी जानन वा लेविद्वानों
तथा जिज्ञासुओं को भारतवर्ष के अर्लुतरत्न, सच्चेदेशहितेषी, महा-
विद्वान्, राज्य धर्मनिष्ठ, प्रनाहितकारी, विद्याप्रचारानिरत, धीर, वीर, `
गम्भीर्, तपस्वी, परतापी, उन्नतश्चीर, राजिं श्रीमन्त महाराजा सयाजी-
राव गायकवाड़ सेना खास खेल शमशेर बहादुर के उच्च तपोमय तथा
अनुकरणीय जीवन के अनेकविय दृश्य मिलेंगे, श्रीसंत महाराजा
साहब की श्तसेद्सहिष्णुता, तत्वग्राद्मता, हार्दिक
उदारता संकल्प दृढता आदि अनेक मानसिक महान्
गुण जो एक राजर्षिं में होने चाहिये वह् इस पुस्तक
के एाठ करने से वाचक चन्द् को मानसिक बक पदान
करेंगे. आप ने इस पुस्तक को ऐसी सरल तथा ललित
भाषा में लिखा है कि इस को पढनेवाला समाप्त किये
विना नहीं रहेगा. हिन्दी भाषा में ऐसे परोपकारी नरेश की जी-
वमी) का होना अत्यावश्यक्र था कि निम्त ने अपने राज्य भर की समग्र
पाट्शालाओं में दूसरी भाषा के रूपमे हिन्दी का भचार कर रक्वा
है, जौर इस भारी कभी को आप ने उत्तमता से पूर्ण किया है
जि के लिये में आप को मंगल वाद देता हूं”
সি
३--ज्वालापुर महाविद्यालय के अध्यापक विह्वद्वर्य श्रीमान्
पंडितप्रवर भीमसेन जी श्मों लिखते ६ किः---
८ सत्रेस्मिन् भूमिमण्डले सोजन्योंदार्य विद्याविद्यसिता সলা-
शा
नियतादि विविध गुणगुणेववयातमाहिमा श्रीमान् नृषचकचूडार्मीण
শব । 4
वैडोदाधिःतिः श्री प्रयाजीराव गायकवाड महोदयो वतमान
€ = ১.৪
नपाणामादशे मूत एवंति सुप्रथितं॑ देशदशां पश्यतां विदुषास ।
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