मेरे जेल के अनुभव | Mere Jail Ke Anubhav

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Mere Jail Ke Anubhav by महात्मा गाँधी - Mahatma Gandhi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७) सफाई का तो भुम स्वय शौर है। जब कई सत्यामही (त) याद मे यद्र गये तव म॑ म्य जन्तु नाणक पानी ( 21 7317 से पायाना धोता | पायाना उठाने फे लिए हमेशा नो बडे फिसने ही चीनी कदी आते थे । उस के याद यदि दिन হু पासाता साफ रखना होता तो पने दी हार्थो से सप करनी पड़ती थी । पत्थर फी चौकियए हमेशा रेती आए থান से धीर जाती €। श्रड बन सिर्फ एक वात की हे. कि कैदियों मे फम्पल ओर तकिये पदल जान की बहुत सम्भावना रहती है। रोज धृप में कम्बल सुसाये जाने का नियम हे 1 पए शायद हा इसका पालन किया जाता हो । सेल की गलियों हमेशा टो यार साफ की जाती थीं । कुछ नियम। जैल फे क्तिने ही नियम सत्र लोगों के जानने योग्य हैं। शाम कौ सादरे पाच यजे सप कैदी यन्‍्द फर दिये जाते हैं ॥. आठ वजे रात तऊ थे पट और वानचीत कर सकते है) आढ यसव याद तय फो सो जाना पडता हे। यदि सीद्‌ नश्राती दै तो भी चुपचाप पटे रहना चाहिए । आठ पजे के वादप्रीच में यात फ्रना जेल के नियम को भज्ञ करना है। काफिर के: शख नियम कए यथोचित पालन नहीं कस्ते | সবল হান ঘট पष्टरेदार न्दं चुप करते के तिप ^ इला, उल” क कट दीचारों पर लाठी ठोका करते है। फेदी को वीडी पीने फी सप्त मुमायियत हे 1 इस नियम की पापन्दी पडी হয়া से की जाती है पर म॑ देंसता था कि वीडी पीने के शादी. केंदी दये-छुपे इस नियम का उल्लपन करते थे । सबेरे खा्दे पाच तजे उठने का घरटा वता है ! उस समय प्रत्येक कै को उठकर हाथ मुह यो लेना ओर अपना 'विछोनर समर ্




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