सोवियत संघ का आर्थिक विकास | Soviyat Sangh Ka Arthik Vikas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)~ सोवियत सङ्क का श्राथिक विकासि
पीट (९६३६) |
पीट बिजली का तार बनाने में प्रयुक्त होता है। सोवियत सल्छु में यह
सर्वाधिक उपलब्ध है| यह मास्को, आइवेनो, यारोस् लेब्ल ओर लेलिनग्राद
में मिलता है |
गैस
ट्रांस काकेशिया, उत्तरी कुकेशिया, मध्य एशिया, उत्तरी और मध्य यूराल
तथा पीचोरा में अधिकता से उपलब्ध है। १६५६--६० में गैस का उत्पादन
ढाई गुना हो जायगा |
जल विद्युत शक्ति
হুলীনহ অল विद्युत केन्द्र सबसे बड़ा है।
पांचवीं पंचवर्षीय योजना (१६५१-५५) द्वारा विज्ञान के अधुनातन साधनों
से युक्त निम्नलिखित जलविद्युत केन्द्र खोले गए हैं - स्सिम्लेनेस्फया जलविदयुत
केन्द्र ( लेलिन बोल्गा-दान नहर पर ), ग्यूमुस केन्द्र ( अमंनी में ) वेरख्ने
स्विर केन्द्र ( लेलिनग्राद क्षेत्र में ) मिनगेच्योर केन्द्र ( अजबेजान में ), कामा
ओर काखोब्का केन्द्र ( दूनीपर पर ), गोर्की केन्द्र ( वोल्गा नदी पर ) नार्वा
केन्द्र आदि |
२२,००,००० किलो० क्षमता वाले दो जल-विद्य त केन्द्र इरकुत्स्क
(अंगारा नदी पर ) और बक शीघ्र ही कार्य करने लगेंगे और इतनी ही
क्षमता का दूसरा केन्द्र क्रास्नोयारस्क बनाया जा रहा है।
१६६० में ३२० लाख किलो० बिजली कोयले से उत्पन्न की जायगी ।
खनिज पदाथ
लेल्िनग्राद, मार्को, एलेक्वोस्ताल, वेक्सा, अओमुत्निन््स्क, ज्लातोत्स,
ज्दानोव, पित्रोवास्क-जावेकास्स्की, कोम्सोमोलस्क मे इस्पात, राग, वुला,
लिपेतस्क ক্সাহি উ कच्चा लोहा, वोल्खोव मे श्रल्यूमुनियम, बेमाक, मेदनागोस्कं
अलवदी म ताबा; मिलता है । जस्ता, शीशा श्रौर निकल भी आवश्यकता भर
उपलब्ध है |
भवन: निर्माण के कार्य में प्रयुक्त होने वाली सामग्री ग्रेनाइट, संगमरमर,
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