आधुनिक सामजिक मनोविज्ञान | Aadhunik Samajik Manovigyan

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Aadhunik Samajik Manovigyan by राम जी श्रीवास्तव -raam je shrivaastav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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6 आधुनिक सामाजिक मतोविज्ञाल বলা ही व्यक्ति के नाना कार के कार्यों का कारण होती है । दर्लौनि के अनुसार समाज व्यक्ति के कतिपय व्यवह्ारों का स्रोत है। इसी प्रकार बेजहाट, जेम्स- वाल्डविन, चार्ल्स कुछे तथा डॉन डीवी तथा एन्बिल आदि ने व्यक्तिक-निन्तता की महत्ता छी ओर छोगों का ध्यान आकृष्ट कराने का सराहनीव कार्य किया। अमेरिकी सभाज-शास्त्री एडवर्ड राँत ( उतछ870 २०४४ ) ने समाज मनोविज्ञान को पहली पुस्तक '500ंथा 9$9०७॥०1०४७' प्रकाशित की । मन्ोवेज्ञानिकों की देत--विकियन मैंकूडूबछ का नाम समाज मनोविज्ञान में सबंदा श्रद्धा के साथ छिया जायगा। उसके अनुसार व्यक्ति के सामाः। व्यवहार का मूल कारण व्यक्ति की जन्मजात मूल ग्रवृत्तियाँ हैं, जो वंशानुक्रम द्वारा उसे अपने पूर्वजों से प्राप्त होती है । व्यक्ति का व्यवहार तथा दैनिक जीवन इन्हीं प्रेरणाओं का प्रकाशन है। उसने अपनी पुस्तक समाज मनोविज्ञान की ঘুদিন্যা' (1989৫89100০ $০০181 £8/009198 ) के द्वारा सामाविक् ब्यवह्वार के विस्तृत क्षेत्र के महत्त्वं पर प्रकाश ढाला यद्यपि अब गैकड्बछ की भुछ प्रदृत्तियों का स्थान “प्रेरकों” ने ले लिया है तथापि इस बात का श्रेय अब भी प्राप्त है कि व्यवहार के कारणों को जानने की दिख्ञा में उन्होंने मार्गदर्शन क्षिया और दूसरों के छिये प्रेरणा का स्लोत बने । इन विकासों के उपरन्त भी 20 वीः झताब्दी के बरारम्भ तक समाज, सनोविज्ञात में अ्रयोगात्मक अध्ययनों का अभाव रहा। सर्वप्रथम व्यक्ति एर समुह के प्रभावों का प्रयोगात्मक अध्ययन एफ> एम आहपोर्ट (1. प्र. 819०7 } ने किया । उन्होंने समाज-मनोविज्ञान में व्यक्ति के अध्ययन पर अत्यधिक बल दिया। मर्फी तथा मर्फी (84075 & 8157095, 1931 ), ते अपनी पुस्तक प्रायोगिक समाज मनोविज्ञान! ( &:%०ऐेघ०७७। 80021 ९४)०७०!०४५ ) प्रकाशित की । इनके कार्यो ने भी समाज मनोविज्ञान को प्रयोगात्मक आधार प्रदान किया । एफ७ सी० बार्टले (870০ 8585৮ 1932 ), मुजपफर হী ( 160528915৫1, 1935 ) বলা ইন্স (4561 £931,52) ने करमशः समाज मनोविज्ञान मँ $~ अत्यय, समाज-मानक, सभूह अनुरूपता का प्रयोगात्मक अध्ययन कर समाज पनोविज्ञान को आधुनिक बताने में महत्त्ववूर्ण एवं सराहनीय योगदान दिया । समाज-मनोदिज्ञान प्रायोगिक समाज-मनोविज्ञान वन गया। इस प्रकार समाज मनोविज्ञान दार्सनिकों, विकासवादियों, समाजशास्त्रियों तथा मनोर्वेज्ञानिकों का ऋणी हैं। इस वियय में गार्डन आहपोर्ट ( 907608 419०1 , 1968 ) ने कहा है कि, “सामाजिक मनोविज्ञान, यह समझते और स्पष्ट करने का प्रयास है कि जन्य छोगों की वास्तविक, काल्पविक या निहित उपस्थिति कंते किसी व्यक्ति के विचारो, भाववाओं तथा व्यवहार को प्रभावित জ্বী ই? € 5300] ৮১৪৩1০৩৪352 कटा ६0 800529220




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