महाजन और उनका मार्ग | Mahajan Aur Unaka Marg

Mahajan Aur Unaka Marg by आनन्द स्वरूप जी - Anand Swarup Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७ ) ॐ वैसे तो महाजन शब्द कै पय्येयवाचक शब्द पहुत है। सकते हैं परन्तु यहां वो पाठकों को ३४ वही पय्थायवाचक शब्द बतलावेगा जिनको विश्व के आधुनिक जीवन ने एक चट्टान के सदश गले भे प्रजवूती से बांध रवखा दे वे हैं:- महाजन, महात्मा, वृद्ध, गुरु, बड़े आदमी, पुवेज । महाजन' शब्द का अथ । 3» महाजन शब्द का अथ ( महाव यापुजनः महा- जनः ) मनुष्य में महांन्‌ पुरुष, महा पूरुष महांत्मापुरुप, बड़ा आदमी द्वात। है । जिसकी महानता सबको आनन्द, सुख, प्रेम, भक्ति, ज्ञान, उन्नति, धमे, नीति देने वाली हा, जिसके सिद्धान्त प्राणिमव्र के लिये एसा सुख पहुँचाने वाले हे।, जा राग ओर दष की दुगेन्धि से रहित हे, जिसने अपने जीवन को सबमे और सबके जीवन का अपने में मिला लिया हे; जो सत्र के दुःखां को अपना दुःख ओर सबके सुखों को अपना सुख मानता हो वही सच। महाजन होता हे । ১




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