भारतीय राजनीतिक प्रणाली | Bharatiya Rajneetik Pranalee

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Bharatiya Rajneetik Pranalee by पी.के. चड्ढा - P.K.Chaddha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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5 मुगल साम्राज्य वे पतन के साथ भारत फिर से छोट-छोटे दुकडी मे बिसरता हुआ नजर भागा पराठु भ्रग्मजा के आगमन से राजनीतिब एकता स्थापित हो भई ॥ “भारत में राजनीतिव' एकता स्थापित करने का धर य श्रग्नेजा को ही प्राप्त है 1! भारत मे भिन्न भिन्न जातियाँ हैं, भिन्न भिन्न भाषायें हैं, भिन भिन्न धर्मों के अनुयावी हैं, भिन्न भिन्न रीति रिवाज और परम्परायें है, परतु फिर भी “मोलिक एकता” है। जसा कि जपराहरलाल नेहरू ते लिखा है कि “सम्पूरा प्रायद्वीप के विवासियों बी मानसिक पृष्ठभूमि, दृष्टिकोण और विचारधारा मे आरच्रयजनक समानता रहो है ।”? भारत के प्रमुख तीर्थ स्थान चारो दिशाझ्रो म विद्यमान हैं । उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेण्वरम्‌, पश्चिम में द्वारिका और पूज सम पुरी। মিন লিন घर्मो वे अनुयायिया म भी यहाँ सौहाद विय्मान रहा है क्थाकि भारत ही उनवी पुण्यभूमि थी। डा० पट्टाभि सीतारमय्या के शब्दों मे “जिस चीज को हम भारत म पाते हैं वह यह है कि भिन्न भिन्न लोगो की भित्त सस्द्तिया, समय वी गति से, एवं महान एकता में गुंथ गई हैं। * हिमालयमे केष कोमोरिन तवः श्रौर द्वारिवा मे सिनहट त्तर एक ही संस्कृति थी, एवं ही पम था, एवं ही दशन था, एक ही भकार वी धार्मिक पुस्तक और वर्णाथम धम थे, एवं ही प्रकार वे! तरीक आर रीति रिवाज थे, सामा य नायरिव सस्याये और सामाजिक कानून थे श्नौर सामाय ऐतिहासिक परम्परा थी ।” झग्रेजी शासन प्रतिगामी शासन था । उहान साम्राज्यीय हितों वी रक्षा भौर भारत के आशिक शोपण के लिए राजनीतिक एकता उत्पन की थी । सारे देश वो एक प्रशास्निर इकाई के अघीन ला दिया । के द्रीय ब्रिटिण सरकार सारे भारत के प्रशासन की सर्वोच्च क्माण्डर थी, प्रात्तीय सरकारे तो उसके अभिकरण मान थे। वित्त, प्रशासन, विधान, सुरक्षा आदि के क्षेत्र मे उसका 'पूरा नियन्भरा था) सारि देश के लिए एवं कानून, एवं ही पयाय व्यवस्था को स्थापित किया गया । সলিল भारतीय सेवाओ जे प्रशासनिक एक्लसा को उत्पत विया! सक्षेप में, सारे देश की सर्वोच्च सत्ता के द्रीय सरवार के पास थी । परतु इसं राजनीतिक तथा प्रणासनिक एकता के परिणाम सर्वदा साग्राण्यीय हित्तो के अनु हल नही हुए । इसने राष्ट्रीय जागृत्ति को जम दिया । जैसा कि जवाहर लाब नेहरु ने जिखा है कि भारत को राजनीतिक एकता “सामाम्य अधीनता वी एकता थी, परतु उसने सामा-य राष्ट्रोयता की एकता को जम दिया ।”* इसी एकता ने असण्ड और स्वत भारत के विचार को उत्पन्न विया, इसी ने शोपित भारतीयों के हृदयी में ब्रिटिश साम्राज्य का अत बरने के विचार पैदा किये, इसी ने भारतीय 1 पिपर উউস2020 78 एच्ताए 01 10014, ? 16 2 पोपप ठ 4, #०फाए्ड्ावछीफ, ए 437




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