चित्तोड़ | Chittor

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Chittor by श्री परदेशी साहित्यरत्न - Shri Pardeshi Sahityaratna

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चित्तोदे इस पर तन मन जीवन वाय इस पर मोदित दहै जग सारा, यह भारत का सच्चा सौरव यह भारत का रक्षक प्यारा, यह तीन लोक से हे न्य 4 इससे है कौन नहीं हर यह सतियों का पाचन अंचल यह सो को ओँखों का तारा, यह एन्द्रजोक भारत का है सुरपुर भेचाड़ी रानों का, क्या देख रहे चिस्मग्र से तुम, चित्ती दुग दीवनों क्र । [ १५




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